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भ्रष्टाचार आर्थिक प्रगति में बाधक

नई दिल्ली | एजेंसी: भ्रष्टाचार हमारी आर्थिक प्रगति में सबसे बड़ा बाधक है और जन-सेवाओं के रास्ते से इसे हटाने की सख्त जरूरत है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को यहां यह बात कही. संघ लोक सेवा आयोग स्थापना दिवस व्याख्यान में ‘शासन एवं सार्वजनिक सेवा’ विषय पर राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विकास कार्यक्रम की सफलता सार्वजनिक प्रशासन की गुणवत्ता पर निर्भर करती है.

यूपीएससी सरकार को कार्मिक नीति और मानव संसाधन प्रबंधन मामलों में सलाह देता है.

मुखर्जी ने कहा, “लोग अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए पारदर्शी और पेशेवर प्रशासन चाहते हैं. वे अपनी शिकायतों का तेजी से निपटारा चाहते हैं. वे चाहते हैं कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक निर्बाध रूप से पहुंचे.”

उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार देश के आर्थिक प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले सबसे प्रमुख कारणों में से एक है. सेवाओं की आपूर्ति में से भ्रष्टाचार की मौजूदगी समाप्त करने की जरूरत है.”

मुखर्जी ने कहा कि विभिन्न देश सुशासन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि सामाजिक कल्याण और समावेशी विकास से इसका अभिन्न रिश्ता है.

मुखर्जी ने कहा, “सुशासन का मतलब है कानून का शासन, सहभागितापूर्ण निर्णय, पारदर्शिता, दायित्व बोध, जवाबदेही, समानता और समावेशीकरण.”

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