छत्तीसगढ़रायपुर

नये बजट में कृषि और स्वास्थ्य पर ज़ोर

कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन
17. धान उत्पादन पर प्रोत्साहन एवं कृषि ऋणों की माफी से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है. नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी को जन अभियान के रूप में परिवर्तित करने का निर्णय ग्रामीणों के लिये वरदान सिद्ध हो रहा है. हमारी इन दूरदर्शी योजनाओं का परिणाम है कि जब सारा देश मंदी के दौर से गुजर रहा है, तब छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाईल सेक्टर में बिक्री में ग्रोथ दर्ज हो रही है.
18. केन्द्र सरकार द्वारा पिछली सरकार को बोनस वितरण के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की विशेष छूट दी गई थी किन्तु इस वर्ष केन्द्र से राज्य को यह छूट प्राप्त नही हो सकी. अन्नदाता को उनके श्रम का उचित लाभ देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी. योजना का लाभ वर्ष 2019-20 के लिये भी दिया जायेगा. इसके लिए 5 हजार 100 करोड़ का प्रावधान है.
19. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 366 करोड़, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 370 करोड़, एकीकृत बागवानी मिशन में 205 करोड़, जैविक खेती मिशन के लिए 20 करोड़, वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम में 200 करोड़ एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 110 करोड़ का प्रावधान है.
20. कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत 5 एच.पी. तक के कृषि पंपों के लिये निःशुल्क विद्युत प्रदाय का प्रावधान है. वर्तमान में योजना में 5 लाख 26 हजार कृषकों को 2 हजार 164 करोड़ की छूट प्राप्त हो रही है. इसके लिये 2 हजार 300 करोड़ का प्रावधान है.
21. गोठानों के संचालन हेतु गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार का अनुदान तथा पशुओं के चारे के लिये धान के पैरे की व्यवस्था की जायेगी. पैरा के रख-रखाव को सरल बनाने हेतु चौकोर बेलर क्रय करने के लिए नवीन मद में 6 करोड़ का प्रावधान है.
22. बेमेतरा, जशपुर, धमतरी एवं अर्जुन्दा, जिला बालोद में उद्यानिकी महाविद्यालय तथा लोरमी में कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है.
23. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की जायेगी. इसके प्रारंभ होने से कृषि एवं सम्बद्ध उत्पादों का प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं पोस्ट हार्वेस्ट हानि को कम करने में कुशल मानव संसाधनों का सृजन होगा.
24. बेमेतरा एवं तखतपुर में डेयरी डिप्लोमा महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी. इसके लिए 2 करोड़ का प्रावधान है.
25. मछली पालन के क्षेत्र में रोजगार की संभावना को देखते हुए युवाओं को डिप्लोमा पाठ्यक्रम के अध्यापन हेतु ग्राम राजपुर (धमधा) में फिशरीज पॉलिटेक्निक की स्थापना की जायेगी.
26. 9 पशु औषधालयों को पशु चिकित्सालय में उन्नयन, 12 नवीन पशु औषधालय तथा 5 विकास खंडों में मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई स्थापित की जायेगी.
सिंचाई
27. सृजित सिंचाई क्षमता के विरूद्ध वास्तविक सिंचित क्षेत्र 13 लाख हेक्टेयर को वर्ष 2028 तक 32 लाख हेक्टेयर तक किये जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिये हमारी सरकार विशेष प्रयास कर रही है.
28. बस्तर संभाग में बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से 2 लाख 66 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है. आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों में इस सुविधा से खेती से आय में वृद्धि होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और खुशहाली से इस क्षेत्र की नक्सलवाद की समस्या में भी कमी आयेगी.
29. बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना के अंतर्गत पैरी बांध एवं पैरी-महानदी इंटर लिंकिंग नहर परियोजना के लिए 20 करोड़, डांडपानी वृहत् जलाशय परियोजना, कुनकुरी के लिए 20 करोड़ एवं शेखरपुर वृहत् जलाशय, सरगुजा के लिए 20 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है.
30. नाबार्ड सहायित सिंचाई परियोजनाओं हेतु 697 करोड़, महानदी परियोजना हेतु 237 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं हेतु 610 करोड़ तथा एनीकट/स्टाप डैम निर्माण के लिए 173 करोड़ का प्रावधान है. कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति हेतु भी 116 करोड़ का प्रावधान है.

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