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बीरनपुर हिंसा में 12 के ख़िलाफ़ सीबीआई ने दर्ज किया मामला

रायपुर | संवाददाता : बेमेतरा के बहुचर्चित बीरनपुर सांप्रदायिक हिंसा में सीबीआई ने 12 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर लिया है.अधिकारियों का कहना है कि मामले में पूछताछ के बाद, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर जांच कार्रवाई की जाएगी.

जिन लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है, उनमें 1. नवाब खान, बिरनपुर, बेमेतरा 2. जलील खान, बिरनपुर, बेमेतरा 3 बसीर खान, बिरनपुर, बेमेतरा 4. मुख्तार मोहम्मद, बिरनपुर, बेमेतरा 5 सफीक मोहम्मद, बिरनपुर, बेमेतरा 6. सफीक मोहम्मद, बिरनपुर, बेमेतरा 7. अकबर खान, बिरनपुर, बेमेतरा 8. मोहम्मद जनाब, बिरनपुर, बेमेतरा 9 अयूब खान, बिरनपुर, बेमेतरा 10 निजामुद्दीन पुत्र, बिरनपुर, बेमेतरा 11 रशीद खान, बिरनपुर, बेमेतरा और 12. कल्लू खान, बिरनपुर, बेमेतरा शामिल हैं.

गौरतलब है कि पिछले साल 8 अप्रैल को बेमेतरा ज़िले के बीरनपुर गांव में बच्चों के झगड़े के बाद हुए सांप्रदायिक हिंसा में 22 साल के युवा भुवनेश्वर साहू की गांव के ही लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला था. इसके दो दिन बाद विहिप समेत अन्य संगठनों ने राज्य बंद का आह्वान किया और उसी गांव के रहीम मोहम्मद और ईदुल मोहम्मद को मार डाला गया.

तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में भुवनेश्वर साहू के परिजनों को 10 लाख रुपये और नौकरी देने की घोषणा की. हालांकि उन्होंने दो दिन बाद सांप्रदायिक हिंसा में ही मारे गए, उसी गांव के रहीम मोहम्मद और ईदुल मोहम्मद को कोई भी मुआवजा नहीं घोषित किया.

इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को साजा विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया. साजा से कांग्रेस के दिग्गज मंत्री रवींद्र चौबे मैदान में थे. साजा उनकी पारंपरिक सीट रही है, जहां शुरु से उनका परिवार और रवींद्र चौबे जीतते रहे हैं.

लेकिन मज़दूरी और हमाली करने वाले ईश्वर साहू ने रवींद्र चौबे को पटखनी दे दी और रवींद्र चौबे चुनाव हार गए.

ईश्वर साहू ने अपने बेटे की हत्या के मामले को विधानसभा में उठाया था और आरोप लगाया था कि इस मामले में असली आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किया गया है.

हालांकि पुलिस के अनुसार बिरनपुर कांड की जांच के बाद पुलिस ने अलग-अलग सात प्राथमिकी दर्ज करते हुए कुल 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. भुवनेश्वर साहू की हत्या के मामले में 11लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जबकि बंद के दौरान हिंसा करने वाले 9 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया था. रहीम मोहम्मद और ईदुल मोहम्मद की हत्या के आरोप में भी आरंभ में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

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