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अब राहुल की अमेठी स्मृति का हिस्सा

नई दिल्ली | संवाददाता: अमेठी अब राहुल गांधी की स्मृति का हिस्सा रह गया है. यहां से भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने चुनाव जीता है.

देश में सबसे अधिक किसी सीट की चर्चा अगर हो रही है तो वह अमेठी है. अमेठी के इस परिणाम की उम्मीद किसी को नहीं थी. कम से कम कांग्रेसी तो यहां की जीत को लेकर आश्वस्त थे.

अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी ने लगातार 15 साल तक यहां से सांसद रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को क़रीब 55,000 वोटों से हरा दिया.

अमेठी सदियों से गांधी परिवार का गढ़ रहा है. पिछले 39 सालों में सिर्फ़ एक बार 1998 में भाजपा यहां जीती थी, उसके अलावा हमेशा यहां कांग्रेस का दबदबा रहा है. ऐसे में अमेठी से राहुल की हार कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा नुक़सान माना जा रहा है.

हालांकि केरल से राहुल गांधी की जीत हुई है लेकिन राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि अमेठी की हार असल में एक प्रतीक की तरह देखे जाने की जरुरत है.

अमेठी में जीत पर स्मृति ईरानी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और बीजेपी के संगठन पर अपना भरोसा जताया और वो आश्वस्त हैं कि हम अमेठी की देखभाल करेंगे. यही विश्वास अमेठी ने भी वोट के माध्यम जताया. मैं अमेठी की जनता का आभार व्यक्त करती हूं. एक बार जुबान दी है तो जुबान रखूंगी.’

स्मृति ईरानी ने एक ट्वीट किया है और लिखा हैः ‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता…’

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