नमक का इश्क जानलेवा
नई दिल्ली | इंडिया साइंस वायर: नमक इश्क का, जैसे फिल्मी गीत भले मजेदार लगते हों लेकिन नमक का इश्क बहुत खतरनाक साबित हो रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि भारतीय रोजाना लगभग 10 ग्राम नमक खाते हैं. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों से लगभग दोगुना है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एक व्यक्ति को पांच ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए.
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि भारत में नमक की खपत काफी अधिक है. क्योंकि यहां लोग मसालेदार खाना खाते हैं, जैसे कि आचार में काफी नमक डाला जाता है. यह स्थिति तब है, जब पिछले कई सालों से लोगों अधिक नमक खाने से होने वाले नुकसानों के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है.
जॉर्ज इंस्टियूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया के रिसर्च फेलो और अध्ययन टीम के सदस्य सुधीर राज थोट ने कहा कि वैश्विक स्तर पर साल 2025 तक नमक की खपत में 30 फीसदी की कमी लाना है. इसके लिए बहुत जरूरी हो गया है कि भारत में एक रणनीति तैयार की जाए और नमक में कमी लाने के लिए ठोस नीति बनाई जाए.
करीब 10 साल पहले एक अध्ययन हुआ था, जिसमें वैश्विक स्तर पर बढ़ रही बीमारियों के दबाव के बारे में पड़ताल की गई तो पाया गया कि बीमारियों के बड़े कारणों में से एक अधिक मात्रा में नमक खाना है. इसके बाद विश्व भर में लगातार कई बड़े अभियान चलाए गए, जिसमें लोगों से खाने में नमक का इस्तेमाल कम करने की अपील की गई.
इन अभियानों के परिणामों के जानने के लिए यह नया अध्ययन किया गया. इस अध्ययन टीम में भारत, आस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड के वैज्ञानिक शामिल थे.
इस टीम ने 13 देशों के आंकड़े इकट्ठे किए हैं. इन 13 में 6 देशों में स्वस्थ वयस्क दस साल पहले जितना नमक खा रहे थे, उतना ही अभी भी खा रहे हैं. यह अध्ययन रिपोर्ट जर्नल ऑफ क्लीनिकल हाइपरटेंशन में छपी है.
विकासशील देशों के लोग, जिसमें भारत भी शामिल है; में अधिक नमक का इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि विकसित देशों में रोजाना नमक खाने की आदत में सुधार आया है और वे कम नमक खा रहे हैं, जिससे वे स्वस्थ भी हो रहे हैं.
ये आंकड़े भारत के उत्तर व दक्षिण क्षेत्र के ग्रामीण एवं शहरी दोनों इलाकों से अलग-अलग समुदायों से लिए गए हैं.
अध्ययनकर्ताओं ने यह भी उल्लेख किया है कि ये आंकड़े केवल 13 देशों के हैं, जो काफी विचलित करने वाले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि बीमारियों से बचाव करने वाले एक बड़े कारण की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
अध्ययन में कहा गया है कि 5 ग्राम से अधिक नमक खाने की वजह से हर साल लगभग 16.5 लाख लोगों की मौत हो रही है.