विविध

हर व्यक्ति का अपना स्वाद-योगी

उत्तर प्रदेश में कहीं भी बड़ा काम दिखेगा तो साथ ही उससे बड़ा भ्रष्टाचार का गड्ढा भी दिखेगा. भ्रष्टाचार के लिए कोई कार्ययोजना या संकल्प जो आपने प्रेषित किया हो?

हमने अपने सभी प्रशासनिक अधिकारियों, जितने भी प्रमुख सचिव हैं और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि हमें भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था लागू करनी है जिसके लिए हम आपके प्रशासनिक अनुभव का लाभ लेना चाहते हैं. मैं आपका सहयोग लेकर चलना चाहता हूं. अगर किसी को कोई आपत्ति है तो अपना रास्ता देख ले. एक प्रशासनिक अधिकारी का दिमाग स्वाभाविक रूप से बहुत अच्छा होता है. हम उस दिमाग का उपयोग प्रदेश के विकास के लिए करने जा रहे हैं. भ्रष्टाचार से मुक्त व्यवस्था और भ्रष्टाचार के इन गड्ढों को भी दूर करने के लिए मैंने कहा कि 15 जून तक उत्तर प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करो. वह कार्य प्रारंभ हो रहा है. बारह-पन्द्रह वर्षों के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश की जनता देखेगी कि प्रदेश की सड़कें गड्ढामुक्त हो चुकी हैं और 24 घंटे बिजली मिल सकती है.

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का मसला फिर बातचीत के मोड़ पर लौट आया है. आपका क्या कहना है?

मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आब्जर्वेशन का स्वागत करूंगा. सरकार चूंकि वाद में नहीं है, तो जो दो पक्ष हैं दोनों बातचीत के माध्यम से कोई रास्ता निकालें. सरकार को कहीं सहयोग करना है, तो उस पर सरकार सहमत है. अच्छा होगा कि सौहार्दपूर्ण तरीके से इस समस्या का समाधान हो. सब कुछ मौजूद है. जो लड़ाई थी उस पूरी लड़ाई को तो 30 सितंबर, 2010 का न्यायालय का फैसला स्पष्ट कर देता है. तो जब सब स्पष्ट हो चुका है तो मुझे लगता है कि विवाद का बातचीत से ही समाधान हो तो बहुत अच्छा होगा और अच्छा संदेश जाएगा. हमने दोनों पक्षों से आग्रह किया है कि संवाद बनाइये, समाधान का रास्ता निकालिए.

आपके एक विधायक का वीडियो वायरल हुआ है. स्कूलों में मिड डे मील की घटिया हालत, स्कूलों के बाहर शोहदों के खड़े होने, गाने-बजाने की खबर लेते हुए. वीडियो में उन्होंने कहा, वे दिन का भोजन किसी न किसी स्कूल में ही करेंगे. यह आपके निर्देश का असर है या चुने गए जनप्रतिनिधियों की ऐसी सक्रियता हर तरफ दिखेगी?

हमें सरकार की हर योजना को आमजन तक पहुंचाना है. कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाना है. यह चुने हुए हर प्रतिनिधि और हर प्रबुद्धजन का कर्तव्य है. मैंने साफ कहा है कि कोई भी जनप्रतिनिधि मेरे पास ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए नहीं आएगा. कोई भी जनप्रतिनिधि ठेका-पट्टा नहीं करेगा. उसकी सिफारिश नहीं करेगा. विकास योजनाओं के लिए जो आएगा, उसका मैं स्वागत करूंगा. वे सरकार की योजनाओं पर नजर रखें, उसका फीडबैक दें. कहां पर क्या अच्छा हो सकता है, उसमें वह क्या योगदान दे सकता है, उसका हम स्वागत करेंगे. मिड डे मील के बारे में तो हम अपनी प्राथमिक शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन करना चाहते हैं. आजादी के बाद का जो सबसे बड़ा धक्का है वह यह है कि हम लोगों ने अपनी राष्ट्रीयता से एक तरह से संबंध-विच्छेद सा कर दिया है. राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण शिक्षा और आधुनिक शिक्षा इस देश के गांव के गरीब और किसान के बच्चे को कैसे दी जा सकती है, इसके बारे में हमारा व्यापक चिंतन प्रारंभ हुआ है. दूसरे, गरीब का बच्चा अच्छे कपड़े की वर्दी क्यों नहीं पहन सकता? हम उन्हें जूते भी उपलब्ध कराएंगे. उन्हें अच्छी शिक्षा देंगे. एनसीईआरटी की तरह अच्छी शिक्षा कैसी दी जा सके, पाठ्यक्रम कैसे अच्छा बने, इस सब पर भी हम कार्य कर रहे हैं. हमारा प्रयास होगा कि मिड डे मील का पैसा सीधे छात्र के खाते में डालें. हरेक छात्र को एक-एक टिफिन उपलब्ध करा देंगे और उनसे कहेंगे कि खाना अपने घर से लेकर आएं. मुझे लगता है, इससे स्कूल का समय बर्बाद होने से भी बच सकता है. इससे एक पारदर्शिता बनी रहेगी.

इस जनादेश का सबसे बड़ा मंत्र क्या है? क्या जातियों में बंटा अनदेखा रहा ‘वोट बैंक’ सुशासन के मुद्दे पर उस सबसे ऊपर आ रहा है?

इस जनादेश ने स्पष्ट कर दिया है कि जातिवाद और तुष्टीकरण के लिए कोई स्थान नहीं है. जातिवाद और तुष्टीकरण के नाम पर कुछ लोगों ने धोखा दिया है, देश को लूटा है और लोगों की पीठ में छुरा भोंकने का कार्य भी किया है. मुझे लगता है, जातिवाद और तुष्टीकरण के दिन लद गये हैं. विकास और सुशासन के लिए लोग ईमानदारी से प्रयास कर सकते हैं. राष्ट्रीयता को मजबूती प्रदान करने के लिए जो ईमानदारी से प्रयास कर सकते हैं, जनता उनके साथ खड़ी होगी. भारतीय जनता पार्टी उसी जनता का नेतृत्व कर रही है.

शासन का ‘योगी मंत्र’ क्या है?

हमें सुशासन लाना है. हम सब एक भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था, गुंडाराज से मुक्त समाज देंगे. इस दृष्टि से केन्द्र से मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार जो मार्गदर्शन कर रही है, वह हमारे लिए महत्वपूर्ण है.

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