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सशक्तीकरण का मतलब महिला का विकास: कंगना

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: कंगना के लिये महिला सशक्तिकरण के मायने एक इंसान के रूप में विकास करने से है न कि सेक्स की आजादी होने से है. हालांकि, कंगना ने दीपिका पादुकोण की ‘माय च्वाइस’ नहीं देखी है परन्तु महिला सशक्तिकरण के बारे में अपने यह विचार साझा किया है. कंगना सशक्तिकरण को दूसरे में हीन भावना भर देने के नहीं मानती हैं. कंगना के लिये सही मायनों में सशक्तिकरण तथा सेक्स जुदा चीज है. बॉलीवुड ‘क्वीन’ कंगना रनौत ने दीपिका पादुकोण अभिनीत वीडियो ‘माय च्वाइस’ पर अपनी राय देते हुए कहा है कि सेक्सी बनना महिला सशक्तीकरण नहीं हो सकता. वह हालांकि कहती हैं कि इस वीडियो को महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रचार करने के लिए सराहा जाना चाहिए. कंगना यहां गुरुवार को एक कार्यक्रम में मौजूद थीं. इस दौरान ‘माय च्वाइस’ पर उनकी राय मांगी गई, तो उन्होंने कहा, “महिला सशक्तीकरण का मतलब पुरुषों में हीनभावना पैदा करना नहीं है. अगर हम ऐसा करते हैं, तो हमें पुरुषों के सशक्तीकरण पर 20 साल लगाने पड़ेंगे. सशक्तीकरण का ताल्लुक एक जीवात्मा और एक इंसान के रूप में विकसित करने से है. इसका मतलब यह नहीं कि आप सेक्सी बन जाएं.”

कंगना हालांकि कहती हैं कि उन्होंने अभी यह वीडियो देखी नहीं है.

होमी अदजानिया निर्देशित ‘माय च्वाइस’ दो मिनट की वीडियो है. यह पुरुषों से महिलाओं को उनके कपड़ों, पेशे और जीवनशैली के आधार पर न आंकने पर जोर देती है.

इस वीडियो में दीपिका शादी से पूर्व यौन संबंध बनाने या विवाहेतर शारीरिक संबंध रखने या शारीरिक संबंध न बनाने व ऐसे ही कई मुद्दों पर फैसला लेने की आजादी महिलाओं पर छोड़ने की वकालत करती दिखती हैं.

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