रायपुर

रमन सिंह की आय से अधिक संपत्ति पर सुनवाई 16 को

रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई ने कहा है कि मामले को अग्रिम कार्यवाही के लिए EOW को हस्तांतरित किया जा चुका है. जबकि रमन सिंह के वकील ने जवाब देने के लिए समय मांगा है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इसके लिए 16 नवंबर की तारीख़ दी है.

गौरतलब है कि लगभग सात महीने पहले कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कई गंभीर आरोप लगाए थे.

इस याचिका में कहा गया है कि रमन सिंह 2003 से 2018 तक छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री रहे. 1998 का चुनाव हारने के बाद रमन सिंह कर्ज में थे. फिर 2003 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे इनके परिवार के पास कोई खास आय का स्रोत नहीं है। मगर चुनावी शपथ पत्र में सोना, जमीन और लाखों रूपए की जानकारी दी थी। मगर ये सब आया कहां से इसकी जानकारी नहीं है।

विनोद तिवारी ने आरोप लगाया है कि रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह ने अपने पिता, और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रभाव के चलते काफी संपत्ति अर्जित की है। यह उनके द्वारा चुनाव लड़ते समय आयोग को दिए हलफनामे से कहीं ज्यादा है। तिवारी ने ईओडब्ल्यू से अभिषेक सिंह की संपत्ति की जांच की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि अभिषेक सिंह ने तीन कंपनियां बनाई हैं और कई करोड़ रुपये का निवेश किया है। इन कंपनियों की गतिविधियां बेहद संदिग्ध हैं.

विनोद तिवारी की याचिका में कहा गया है कि एक कंपनी इंटीग्रेटेड टेक-इंफ्रा बिजनेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड में अभिषेक सिंह ने विदेशी मुद्रा में पहले वर्ष में ही करोड़ों मूल्य के अपने शेयर बेचने से पहले, 90 फीसदी से अधिक हानि पर असामान्य लाभ अर्जित किया.

इसी तरह एक अन्य शैले एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड, विभिन्न संदिग्ध निवेश-कई करोड़-के स्रोतों से किए गए थे। इसी तरह तीसरी कंपनी-मुशिन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में भी कई गड़बड़ियां हैं.

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