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साम्प्रदायिकता: मोदी-मनमोहन में ठनी

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक को लेकर मनमोहन तथा मोदी के बीच तकरार उभर कर सामने आ गई है.

एक तरफ जहां मोदी ने ट्वीटर के माध्यम से इस विधेयक के इरादे पर एतराज जताया है वही मनमोहन सिंह ने कहा है कि उनका मकसद वैधानिक महत्व वाले सभी मामलों पर सर्वसम्मति बनाना है. मनमोहन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी द्वारा सांप्रदायिक हिंसा विधेयक के विरोध किए जाने के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर कहा, “हमारी कोशिश उन सभी मामलों पर सर्वसम्मति बनाने को होगी जो वैधानिक महत्व के हैं.”

इससे पहले गुरुवार को नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया था कि “सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को बुरे इरादे से और खराब तरीके से तैयार किया गया, जो बहुत बड़ी त्रासदी है. मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर विरोध जताया है. मैंने इस तरह के विधेयक पर आगे किसी तरह का काम किए जाने से पहले प्रधानमंत्री से राज्यों एवं तमाम पक्षों के साथ विचार-विमर्श करने की मांग की है. ”

मोदी ने ट्वीट किया कि “इसके पीछे राजनीतिक विचारधारा और वोट बैंक की राजनीति काम कर रही है. विधेयक को लाने का समय भी संदेह के घेरे में है.” मोदी ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे का उल्लंघन है.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “यह विधेयक भारत के संघीय ढांचे का स्पष्ट उल्लंघन है. केंद्र ऐसे कानून को तैयार करने में व्यस्त है जो राज्य की सूची में शामिल है. जो विधेयक राज्य द्वारा लागू होगा, क्या उसे राज्य द्वारा लागू नहीं होना चाहिए.”

मोदी ने कहा, “सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को लागू करने से समाज के टुकड़े होंगे और हिंसा बढ़ेगी.” सांप्रदायिक हिंसा विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है, जिसकी शुरुआत गुरुवार से हो रही है.

मोदी के उलट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य वैधानिक महत्व वाले सभी मामलों पर सर्वसम्मति बनाना है.

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “संसद का सत्र अल्प अवधि का है, और इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे दोनों सदनों की कार्यवाही को आसान और सरल बनाने की हर संभव कोशिश करें.”

उन्होंने कहा, “हम सदन की सभी पार्टियों से आवश्यक विधेयक को पारित करने में सहयोग की मांग करते हैं.” बहरहाल इतना तो तय है कि साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक को लेकर इस सत्र में भाजपा तथा कांग्रेस में तकरार होनी है.

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