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अगस्ता दुर्घटना: पनामा, रमन और सिंहदेव कनेक्शन

राज्य सरकार के जवाब से असंतुष्ट कैग ने टिप्पणी की थी कि सरकार की यह सफाई स्वीकार्य योग्य नहीं है. कैग ने लिखा था कि छत्तीसगढ़ सरकार पहले प्रस्ताव को समय पर पूरा कर पाने में असफल रही. उससे पहले प्रथम बार में सरकार ने ग्लोबल टेंडर न बुलाने का निर्णय यह कहते हुये लिया था कि हेलिकॉप्टर एक विशिष्ठ उत्पाद है. इन सबके बाद एक खास ब्रांड और विशिष्ठ मॉडल का टेंडर बुलाना किसी भी प्रकार से न तो सहभागिता को बढ़ाता है और ना ही न्यायोचित है. सरकार ने इस प्रकार वही ब्रांड, वही मॉडल, उसी डीलर से उंची कीमत पर लेकर अतिरिक्त खर्च किया है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने स्वराज अभियान के नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की एक याचिका के अलावा छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव व नितिन सिन्हा की याचिका पर सुनवाई करते हुये केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करके पूछा था कि जब केन्द्र सरकार द्वारा अगस्ता हेलीकाप्टर खरीदी की सीबीआई जांच कर सकती है तो छत्तीसगढ़ तथा अन्य राज्यों में उसी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर के खरीदी की जांच क्यों कर सकती.

बहस में यह कहा गया कि कई राज्य सरकारों ने वीवीआईपी हेलीकाप्टर को बिना किसी टेंडर के खरीदा था लेकिन किसी के खिलाफ भी जांच सीबीआई नहीं कर रही है.

पनामा लीक्स के अनुसार बाद में जिस कंपनी शार्प ओसेन इन्वेस्टमेंट लिमिटेड को यह टेंडर मिला था, उसे एक साल के भीतर बंद कर दिया गया था. उसके एक माह पहले ही ‘अभिषाक सिंह’ के नाम से ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड में एक अकाउंट खोला गया था जिसमें पता कवर्धा, छत्तीसगढ़ का वह पता दिया गया था, जिस पते को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने चुनाव के शपथ-पत्र में दिया था.

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जे दीपक मिश्रा तथा जस्टिस जे नागाप्पन की बेंच ने इस मामले में केन्द्र सरकार की सहायता मांगी थी.

राज्यपाल नरसिंहन से भी पूछताछ

सीबीआई ने अगस्ता हेलिकॉप्टर घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल और तत्कालीन आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन से 2014 में कई घंटों तक पूछताछ की थी.

अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदी में 3,726.96 करोड़ रुपये के हुए कथित घोटाले को लेकर सीबीआई ने कई राजनेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से पूछताछ की थी.

अधिकारियों के अनुसार 2005 में जब हेलीकॉप्टर सौदे को अंतिम रूप दिया गया था, उस समय नरसिम्हन आईबी के प्रमुख थे, इसलिए उनसे गवाह के रूप में पूछताछ की गई थी.

इससे पहले सीबीआई ने गोवा के तत्कालीन राज्यपाल बी.वी.वांचू और पश्चिम बंगाल के तत्कालीन राज्यपाल एम.के.नारायण से पूछताछ की थी.

सीबीआई ने नारायणन और वांचू से 2014 में ही गवाह के रूप में पूछताछ की थी, जिसके तुरंत बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. सीबीआई ने भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस.पी.त्यागी, उनके तीन चचेरे भाइयों और नौ अन्य लोगों के खिलाफ 2013 में मामला दर्ज किया था.

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