राष्ट्र

जनता भर देगी राजपथ: केजरीवाल

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: शिंदे के विरोध में केजरीवाल ने सोमवार की रात दिल्ली के सड़को पर अपने कैबिनेट के साथ गुजारी. सबेरे उन्होंने मीडिया से कहा कि कांग्रेस तथा भाजपा को डर है कि केजरीवाल देश की राजनीति को बदल देगा. इससे पहले सोमवार की रात को अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सुशील कुमार शिंदे को रात में सोने नहीं देंगे. अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि दिल्ली में इतने अपराध के होते गृहमंत्री कैसे रात को सो सकते हैं. गौरतलब रहे कि दिल्ली की पुलिस केन्द्र के गृहमंत्री के अधीन होती है.

अरविंद केजरीवाल तथा उनके साथी सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सामने धरने देने जा रहे थे, राह में ही रेल मंत्रालय के सामने उन्हें रोक दिया गया था. सोमवार को उसके बाद से अरविंद केजरीवाल रेल मंत्रालय के सामने धरने पर बैठ गयें थे. सोमवार की सारी रात अरविंद केजरीवाल ने सड़कों पर सो कर गुजारा. उनके साथ दिल्ली की कैबिनेट भी सारी रात सड़कों पर ही थी. रात होते-होते सड़क पर दिल्ली की जनता भी समर्थन में आ गई थी.

खबरों के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सड़कों से ही जरूरी फाइले निपटाए. केजरीवाल ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर 10 दिनों तक सड़कों से दिल्ली की सरकार चलेगी. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस के मंत्री राखी बिडलान और सोमनाथ भारती के अनुरोध पर केजरीवाल ने गृहमंत्री शिंदे से दिल्ली पुलिस के चार अफसरों को चार अफसरों को संस्पेंड करने का मांग की थी जिसके बाद शिंदे ने कहा था कि जाँच के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा. इसके बाद केजरीवाल ने सोमवार से धरने पर जाने की बात कही थी. दिल्ली पुलिस के इन अफसरों को सस्पेंड किए जाने की मांग कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को रेल भवन के सामने धरने पर बैठ गए.

मंगलवार सुबह से धरने में आने वालों का सिलसिला जारी है. संपूर्ण सड़क दिल्ली की जनता से भर गया है. इस धरने को लेकर केन्द्र सरकार दबाव में आ गई है. इसको लेकर सोमवार रात को गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की तथा उन्हें ताजा स्थिति से अवगत कराया था.

इस आंदोंलन की मुख्य मांग है कि कथित दोषी पुलिस वालों को निलंबित किया जाए. मंगलवार सुबह मनीष सिसोदिया ने मांग की कि दिल्ली पुलिस को, दिल्ली सरकार के अधीन लाया जाए. केजरीवाल ने केनद्र सरकार को चेतावनी दी है कि राजपथ पर जन सैलाब उमड़ पड़ेगा.

केजरीवाल ने कहा, “हम यहां धरना जारी रखेंगे और यह सबसे अच्छा गणतंत्र दिवस होगा. पूरे देश के अलग-अलग हिस्से से जनता आई है और गणतंत्र दिवस के दिन कोई झांकी नहीं होगी लेकिन सरकार को सड़कों पर जनता नजर आएगी.” इससे पहले मुख्यमंत्री ने आलोचनात्मक लहजे में कहा कि उनके धरने पर बैठने की जगह तय करने का हक केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के पास नहीं है.

केजरीवाल ने रेल भवन के बाहर मंगलवार को यहा कहा,”शिंदे कौन होते हैं यह फैसला लेने वाले कि मैं कहां बैठूंगा. मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं फैसला लेने का हक मुझे है शिंदे को नहीं, वह कहां बैठेंगे यह फैसला मैं ले सकता हूं.” अरविंद केजरीवाल ने कहा, “आज सुबह मैंने खुद नाकेबंदी तोड़ी और मेरे मंत्री शौचालय गए. शिंदे ने सभी इमारतों के शौचालयों को बंद कर दिया है. हम पाकिस्तान के नहीं भारत के नागरिक हैं. गृहमंत्री हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं? ये महिलाएं कहां शौचालय इस्तेमाल करेंगी?”

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