छत्तीसगढ़

एक बड़ा वादा पूरा: रमन सिंह

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने घोषणापत्र के एक बड़े वादे को पूरा किया है. इसके तहत व्यावसायिक परीक्षा मंडल की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के परीक्षार्थियों के परीक्षा शुल्क में कमी करने का निर्णय लिया है.

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यहां शनिवार को बताया कि विधानसभा चुनाव 2013 के घोषणापत्र में यह वादा किया गया था कि व्यापमं की प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य पिछड़े वर्गो के परीक्षार्थियों को अनुसूचित जाति-जनजाति के समान परीक्षा शुल्क की सुविधा दी जाएगी.

इस घोषणा पर अमल करने के साथ-साथ राज्य सरकार ने सभी वर्गो के परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क कम करने का फैसला किया है. आगामी वर्ष 2014-15 में होने वाली प्रवेश परीक्षाओं में आवेदकों को परीक्षा शुल्क में 33 प्रतिशत से 56 प्रतिशत तक और भर्ती परीक्षाओं के परीक्षा शुल्क में 31 प्रतिशत से 54 प्रतिशत तक विशेष छूट मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे प्रदेश के युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार अधिक से अधिक संख्या में शासकीय सेवा में रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे और शासन को भी परीक्षार्थियों की अधिक से अधिक भागीदारी के फलस्वरूप विभिन्न विभागों के लिए बेहतर कर्मचारी मिलेंगे.

डॉ. सिंह ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2013-14 में व्यापमं की प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने वाले सामान्य वर्ग के आवेदकों के लिए परीक्षा शुल्क 450 रुपये, अन्य पिछड़े वर्गो के लिए भी 450 रुपये और अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के लिए 300 रुपये निर्धारित है. इसे आगामी वर्ष 2014-15 में घटाकर सामान्य वर्ग के लिए 300 रुपये, अन्य पिछड़े वर्ग के लिए 250 रुपये और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए 200 रुपये निर्धारित किया गया है.

भर्ती परीक्षाओं में वर्तमान वर्ष 2013-14 में परीक्षा शुल्क सामान्य वर्ग और अन्य पिछड़े वर्ग के आवेदकों के लिए 650 रुपये तथा अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए 450 रुपये निर्धारित है. इसे घटाकर सामान्य वर्ग के लिए 450 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 300 रुपये और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए 300 रुपये निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है.

प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं के परीक्षा शुल्क में कमी करने के कारण व्यापमं की वार्षिक आमदनी में कुल आठ करोड़ 65 लाख रुपये की कमी संभावित है. इसमें प्रवेश परीक्षाओं के शुल्क से होने वाली आमदनी में तीन करोड़ 80 लाख रुपये और भर्ती परीक्षाओं के शुल्क से होने वाली आमदनी में चार करोड़ 85 लाख रुपये शामिल है. लेकिन इसके बाद भी व्यापमं को 20 प्रतिशत की शुद्ध आमदनी होगी.

वर्तमान में व्यापमं के पास 43 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं. नवीन भवन की व्यवस्था के लिए इसमें से आठ करोड़ रुपये खर्च संभावित है. देनदारियों को घटाने पर व्यापमं के पास 35 करोड़ रुपये उपलब्ध है.

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