छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ विशेष

पटनायक कमेटी: छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की रिहाई लटकी

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के ख़िलाफ दर्ज़ मामलों की समीक्षा के लिए मार्च 2019 में गठित जस्टिस पटनायक कमेटी की अब तक केवल तीन बैठकें हो पाई हैं. दावा था कि इस कमेटी से आदिवासियों को न्याय मिल पाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

आज तक यह कमेटी केवल 762 आदिवासियों की रिहाई की अनुशंसा कर पाई है. दावा यह था कि 4007 आदिवासियों के मामलों में कमेटी फैसला करेगी.

जिस समय इस कमेटी ने काम करना शुरु किया था, उस समय करीब 23 हजार मामले सामने आए थे.

उस दौरान राज्य के विभिन्न जेलों में बंद 16,475 आदिवासियों में से 5,239 माओवादी हिंसा से जुड़े मामलों में अभियुक्त थे.

गौरतलब है कि आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामलों की समीक्षा हेतु सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए के पटनायक की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने 8 मार्च 2019 को एक समिति का गठन किया था.

इस समिति ने आरंभिक बैठक में 4007 आदिवासियों की रिहाई के लिए 3 बिंदु तय किए थे.

बैठक में तय किया गया था कि कमेटी 1141 मामलों की समीक्षा करेगी.

लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. 20 फीसदी आदिवासियों की भी रिहाई नहीं हो पाई.

इस कमेटी ने अपने विचारणीय विषय में पहले बिंदु में ही एनएसए, यूएपीए जैसे मामलों की समीक्षा को शामिल किया था.

लेकिन ऐसे मामले किनारे कर दिए गये.

कमेटी ने अधिकांश ऐसे मामलों की समीक्षा की, जो आबकारी से जुड़े हुए थे.

राज्य सरकार के अनुसार तीन बैठकों में कमेटी ने 632 प्रकरणों में 762 अभियुक्तों के ख़िलाफ मामले वापस लेने की अनुशंसा की थी.

इसके बाद कमेटी की कोई बैठक ही नहीं हुई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!