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भाजपा में शामिल होंगी राधिका खेड़ा?

रायपुर | संवाददाता : कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और छत्तीसगढ़ की मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा के अगले एक-दो दिन में भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज़ हो गई है. हालांकि राधिका खेड़ा ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के लवली गुट की समर्थक राधिका खेड़ा ने एक दिन पहले ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया है. कहा जा रहा है कि लवली के भाजपा में जाने के बाद से ही राधिका खेड़ा को लेकर पार्टी के भीतर सुगबुगाहट शुरु हो गई थी.

अब इस्तीफ़े के बाद उनके भाजपा में शामिल होने को लेकर अटकल लगाया जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में इसकी घोषणा हो सकती है.

हमने इस संबंध में राधिका खेड़ा से संपर्क किया लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल पाया.

नाराज़ थीं राधिका

छत्तीसगढ़ में चर्चा है कि राधिका खेड़ा पहले से ही स्थानीय नेताओं से नाराज़ चल रही थीं.

स्थानीय नेताओं को इस बात पर आपत्ति थी कि राधिका खेड़ा बिना स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को भरोसा में लिए काम कर रही थीं. इसके कारण तनातनी बनी हुई थी.

उनके परिजनों द्वारा छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार में किए काम की एक बड़ी रकम के वर्क ऑर्डर और भुगतान को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी, जिससे राधिका नाराज़ थीं.

‘द क्रियेटिव जिप्सी’ नामक जिस कंपनी को भूपेश सरकार में फ़िल्म निर्माण का जिम्मा दिया गया था, जिसकी सीईओ राधिका खेड़ा की मां हैं. उसके वर्क ऑर्डर अटके रहे.

रही-सही कसर उन नेताओं ने पूरा कर दिया, जो सुशील आनंद शुक्ला को किनारे कर के पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ को संभालने की कोशिश में जुटे हुए थे.

इन नेताओं ने इस विवाद को खूब हवा दी.

कांग्रेस पार्टी अभी तक इस बात का पता नहीं लगा पाई है कि पार्टी दफ़्तर में रोते हुए राधिका खेड़ा का वीडियो किसने बनाया और किसने इसे वायरल किया.

इसके बाद से ही छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं ने राधिका खेड़ा के पक्ष में बयानबाजी और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए, इसे एक बेटी का अपमान बताया था.

साथ ही भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पार्टी पर महिला विरोधी होने की आरोप लगाया था.

क्या कहा इस्तीफ़े में

रविवार को दिए गए अपने इस्तीफ़े में राधिका खेड़ा ने रामलला के दर्शन के लिए जाने के बाद से प्रताड़ित किए जाने और छत्तीसगढ़ में हुए विवाद का जिक्र किया है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है कि-“मैं प्रभु श्रीराम की भक्त हूं और रामलला के दर्शन करने के बाद से मुझे लगातार विरोध झेलना पड़ रहा था. रामलला दर्शन के इस पुनीत कार्य पर मेरा इतना विरोध हुआ कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस में हुए घटनाक्रम के बाद भी मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया.”

इस्तीफ़े में उन्होंने लिखा- “हां, मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं और वही कर रही हूं भी लिखा है.”

उन्होंने अपने इस्तीफ़े में लिखा-“आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है. हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं. वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं.”

अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा-“हर हिंदू के लिए प्रभु राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लल्ला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है, वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं.”

राधिका खेड़ा ने आरोप लगाया कि “मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई.”

राधिका खेड़ा ने लिखा-“मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुँच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया. मैंने हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया.”

उन्होंने लिखा-“प्रभु श्री राम की भक्त व एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूं. बार बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला, इससे आहत होकर मैंने आज यह कदम उठाया है.”

पहले खुद ही ऐसा कहने वालों पर भड़की थी

हालांकि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ कर जाने वाले नेताओं पर भड़कते हुए उन्होंने कहा था कि वे खुद रामलला का दर्शन कर के आई हैं. लेकिन पार्टी ने कभी इस पर आपत्ति नहीं जताई.

एक टीवी चैनल पर उन्होंने कहा था कि जो लोग कह रहे हैं कि अयोध्या जाने पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताई थी, वो झूठ कह रहे हैं.

राधिका खेड़ा ने कहा था कि वे खुद अयोध्या हो कर आई हैं और किसी कांग्रेस नेता ने उनके अयोध्या जाने पर आपत्ति नहीं जताई थी.

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