विनोद वर्मा को मिलेगी जमानत ?
रायपुर | संवाददाता: पत्रकार विनोद वर्मा के मामले में मंगलवार महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. मंगलवार को उनकी गिरफ्तारी के 60 दिन पूरे हो रहे हैं. अगर मंगलवार को सीबीआई अदालत में चालान पेश नहीं कर पाई तो विनोद वर्मा के लिये जमानत की राह आसान हो सकती है. हालांकि माना यह भी जा रहा है कि अगर विनोद वर्मा को जमानत मिल भी जाती है तो भी सीबीआई के पास एक अन्य मामले में उन्हें गिरफ्तार करने का विकल्प बचा रहेगा. हालांकि इसी मामले में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल भी आरोपी हैं. ऐसे में सबकी नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि क्या विनोद वर्मा की फिर से गिरफ्तारी के साथ-साथ भूपेश बघेल को भी गिरफ्तार किया जायेगा?
गौरतलब है कि विनोद वर्मा को पिछले महीने की 27 अक्टूबर को तड़के छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक कथित सेक्स सीडी के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने ग़ाज़ियाबाद से गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने तड़के साढे तीन बजे के आसपास उत्तरप्रदेश और दिल्ली की पुलिस के साथ वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के महुगण मेंशन स्थित फ्लैट को घेरा और फिर विनोद वर्मा को गिरफ़्तार कर लिया.
उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस सड़क मार्ग से गाजियाबाद से लेकर रायपुर पहुंची और 29 अक्टूबर रविवार को रायपुर की अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था. इसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया था, इसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में रायपुर सेंट्रल जेल में हैं.
हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई को भी इस मामले में पक्षकार बनाने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था. इसके बाद जमानत पर सुनवाई के लिये जनवरी की तारीख तय की गई है. इस बीच माना जा रहा है कि इस महीने 60 दिन की मियाद पूरी होने पर अगर सीबीआई चालान पेश नहीं करती तो विनोद वर्मा के वकील जमानत के लिये नये सिरे से आवेदन कर सकते हैं.
वकीलों का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस मामले में विनोद वर्मा को जमनात मिल सकती है. लेकिन वकीलों को इस बात की भी आशंका है कि श्री वर्मा के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज है और उसमें अभी तक विनोद वर्मा की गिरफ्तारी नहीं की गई है. इस मामले में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया गया है. ऐसे में इन लोगों की गिरफ्तारी का विकल्प सीबीआई के पास बचा रहेगा.
इधर इस पूरे मामले में सीबीआई ने पिछले सप्ताह भर से अपनी जांच तेज कर दी है. स्थानीय पत्रकारों और कुछ राजनीतिक दल से जुड़े लोगों से भी सीबीआई ने अपनी पूछताछ की है.