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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी और नृत्य महोत्सव शुरु

रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में मंगलवार से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत हो गई. मंगलवार से ही राज्य की स्थापना दिवस का उत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव की शुरुआत भी हुई.

राज्य के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने रायपुर जिले के मंदिरहसौद सहकारी समिति में, मां अन्नपूर्णा देवी की अराधना कर धान खरीदी का आरंभ किया.

अमरजीत भगत ने कहा कि राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश में खेती-किसानी में नये उत्साह का संचार हुआ है. खेतों से दूर हो रहे किसान खेतों की ओर लौटे हैं और खेती का रकबा भी बढ़ा है.

इस वर्ष लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है.

समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.72 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग एक लाख 67 हजार से ज्यादा नये किसान है.

राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं.

इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा.

राज्योत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव आज से

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मनुष्य का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना नृत्य का इतिहास है. दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य शैली, वाद्ययंत्र में समानता है. वे मंगलवार को राज्योत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्घाटन भाषण दे रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अद्भुद संयोग है कि दुनिया भर के आदिवासी नृत्यों की शैली, ताल, लय में बहुत समानताएं हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरी दुनिया के आदिवासियों का हृदय एक ही है. उन हृदयों के भाव एक ही हैं. उनके सपने, उनकी आशाएं और उनकी इच्छाएं एक ही हैं. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्देश्य आदिम संस्कृति को बचाये रखना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ का राज्य स्थापना दिवस है. आज हमारा विजय दिवस है, क्योंकि आज ही के दिन हमारे पुरखों का संघर्ष सफल हुआ था.

आदिवासी नृत्य महोत्सव
आदिवासी नृत्य महोत्सव

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी कलाकारों को विदेश में प्रस्तुति का अवसर और मंच प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद नई दिल्ली के बीच समझौता ज्ञापन हेतु सहमति बनी है, जिससे आदिवासी संस्कृति के प्रसार और विनिमय का दायरा बढ़ेगा.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज गौरव का दिन है.

उन्होंने कहा कि आदिवासियों के सम्मान को और ऊंचाई देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.

पर्यटन एवं गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पिछले चार वर्षो में राज्य सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है. अपनी संस्कृति और परम्परा संरक्षित और संवर्धित करने का काम कर रही है.

संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित कर छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों का सम्मान बढ़ाया है और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कर आदिवासियों का मान बढ़ाया है. आज छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया में नई पहचान मिली है.

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने स्वागत भाषण एवं आभार प्रदर्शन संस्कृति सचिव अन्बलगन पी. ने किया.

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