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छत्तीसगढ़ में आदिवासी नृत्य महोत्सव का बहिष्कार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज ने राज्य सरकार के राज्योत्सव और आदिवासी नृत्य महोत्सव का बहिष्कार करने की घोषणा की है. आदिवासी समाज 1 से 3 नवंबर तक विधायक, सांसद और मंत्रियों के घर के आगे नगाड़ा बजा कर अपना विरोध दर्ज कराएगा.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 से 3 नवंबर तक राज्योत्सव के दौरान आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया है. इस आयोजन में देश भर के राजनेताओं को आमंत्रित किया गया है. देश भर से नर्तक मंडल भी आमंत्रित किए गए हैं.

लेकिन राज्य के आदिवासी समाज ने इस महोत्सव के बहिष्कार की घोषणा की है.

सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बीएस रावटे ने अपने एक बयान में कहा है कि राज्य में आदिवासियों को मिलने वाला 32 फीसदी आरक्षण समाप्त हो जाने के कारण समाज में आक्रोश है.

बयान में कहा गया है कि सरकार में बैठे राजनीतिक जन प्रतिनिधि आरक्षण के मसले पर मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं. उनके रहते आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा धोखा हो रहा है.

बयान में कहा गया है कि वर्ष 2001 से 2012 तक वैसे भी आदिवासियों को 12 फीसदी कम आरक्षण मिला. सभी आदिवासी, नेताओं पर भरोस करके चुप रहे लेकिन अब विरोध का समय आ गया है.

इस बयान में कहा गया है कि समाज ने निर्णय लिया है कि जो आदिवासियों का का नहीं करेगा, उनका विरोध सड़क पर आकर, गांव-गांव में, नगर-नगर में, जनजाति के प्रत्येक सामाजिक समूहों द्वारा, आदिवासी नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा.

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