छत्तीसगढ़बस्तर

ईसाई धर्म अपनाने वाले ईश्वर को दफ़नाने पर विवाद

जगलपुर | संवाददाता : बस्तर के छिंदबहार गांव में रहने वाले ईश्वर को मौत के बाद, अपने गांव में दफनाने की अनुमति नहीं मिल पाई. परिजनों का कहना है कि उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया है, इसलिए गांव के कुछ लोग विरोध कर रहे हैं.

विवाद के बाद ईश्वर का शव जगदलपुर अस्पताल के चीरघर में रखना पड़ा.

परिजनों ने बताया कि कोड़ेनार थानांतर्गत छिंदबहार गांव के रहने वाले 65 साल के ईश्वर की जगदलपुर के अस्पताल में उच्च रक्तचाप की स्थिति के बाद भर्ती किया गया था.

उसे गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया था, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई.

गुरुवार को जब परिजन उनका शव ले कर गांव के लिए रवाना हुए तो गांव पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें शव को वापस अस्पताल लाने का निर्देश दिया गया.

परिजनों के अनुसार पुलिस का कहना था कि गांव में शव को दफनाने को लेकर विवाद शुरु हो गया है और गांव के कुछ लोगों का कहना है कि ईश्वर और उनके परिजनों ने ईसाई धर्म अपना लिया है, इसलिए उन्हें गांव में दफनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

गांव वालों ने शर्त रखी कि अगर ईश्वर के परिजन ईसाई धर्म छोड़ दें तो ही उन्हें गांव के कब्रिस्तान में दफ़नाने की अनुमति दी जाएगी.

इसके बाद ईश्वर के परिजन, ईश्वर का शव ले कर लगभग 50 किलोमीटर दूर, जगदलपुर अस्पताल लौट आए.

इधर गांव में तनाव के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.

बस्तर में पिछले कुछ सालों में ईसाई धर्म अपनाने वालों के शव के अंतिम संस्कार को लेकर विरोध प्रदर्शन की घटनाएं बढ़ गई हैं.

गांव का एक वर्ग, ईसाई धर्म को अपनाने वालों का लगातार विरोध कर रहा है और उनके शव को गांव के भीतर दफ़नाने नहीं दे रहा है.

हिंदू संगठनों ने तो सार्वजनिक तौर पर शपथ ले कर ईसाई धर्म अपनाने वाले आदिवासियों के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया है. इसके अलावा इनसे कोई लेन-देन नहीं करने,खेतों में काम नहीं करने और इनसे कोई भी रिश्ता नहीं रखने का फ़ैसला किया है.

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