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मनमोहन ओबामा की हुई थी जासूसी

लंदन: 2009 में हुई जी-20 समूह की बैठकों में शामिल दुनिया भर के राजनेताओं और अफसरों की ब्रिटेन में जासूसी करवाई थी. इन जासूसों के सहारे ब्रिटेन ने यह जानने की कोशिश की थी कि अर्थ व्यवस्था के मामले में दूसरे देशों की रणनीति क्या है. ब्रिटेन उसी आधार पर अपना पक्ष रखना चाहता था. माना जा रहा है कि ब्रिटेन ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अमेरिकी राष्ट्रनपति बराक ओबामा और फ्रांस के राष्ट्रनपति निकोलस सरकोजी की जासूसी कराई थी.

सीआईए के अधिकारी रहे एडवर्ड स्नोडेन ने यह जानकारी दी है. द गार्डियन ने जो सनसनीखेज रहस्योद्घाटन किया है, उसके अनुसार लंदन में अप्रैल और सितंबर महीने में जी-20 की दो अहम बैठकें हुई थीं और इनमें कई देशों के राजनेता और अधिकारी शामिल हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार इन नेताओं और अफसरों के कंप्यूटर और फोन कॉल की निगरानी किया गया और इन्हें रिकार्ड किया गया. जी-20 बैठकों में भारत, रूस, चीन, फ्रांस, अमेरिका, जापान, जर्मनी, यूरोपीय संघ, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इंडोनेशिया, इटली, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, तुर्की के प्रतिनिधि शामिल थे.

अखबार के अनुसार ब्रिटिश खुफिया सेवा ने दूसरे देशों के प्रतिनिधियों की बातचीत को रिकार्ड किया और उनके ईमेल को भी खंगाला. यह राज ऐसे समय उजागर हुआ है जब ब्रिटेन में सोमवार से जी-8 देशों की बैठक हो रही है. इस बैठक को लेकर एक बार फिर संशय का वातावरण बन गया है.

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