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पीएम मोदी का चीनी होमवर्क

नई दिल्ली | एजेंसी: चीन यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने उसका होमवर्क शुरु कर दिया है. चीन यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी चीन के करोड़ों लोगों का दिल जीतने के लिए चीन के वीबो से जुड़ गए हैं. साइना वीबो 14 करोड़ मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता के साथ चीन की सबसे बड़ी माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट है. चीन में 1.29 अरब मोबाइल उपभोक्ता हैं और इसकी मोबाइल फोन उपभोक्ता संख्या किसी भी दूसरे देश से ज्यादा है. भारत की मोबाइल उपभोक्ता संख्या 96 करोड़ है.

ट्विटर पर 1.2 करोड़ फॉलोअर और फेसबुक पर 2.8 करोड़ लाइक के साथ मोदी दुनिया के दूसरे सर्वाधिक फॉलोअर वाले राजनेता हैं. अमीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के ट्विटर पर 5.8 करोड़ फॉलोअर हैं और उन्हें फेसबुक पृष्ठ पर 4.3 करोड़ लाइक मिले हैं.

दुनियाभर के नेता मानते हैं कि ताकत आकर्षण से आती है. सोशल मीडिया के सहारे वे इसका उपयोग वैचारिक क्षमता के एक माध्यम के रूप में भी करते हैं.

सॉफ्ट पॉवर शब्द का विकास 1990 में एक अमरीकी राजनीतिक विज्ञानी जोसेफ नेई ने किया था.

नेई के मुताबिक, वैचारिक क्षमता का मतलब इस ताकत से है कि आप दूसरे के दिल में भी वह लक्ष्य पैदा कर दें, जो आप खुद चाहते हैं. दूसरों पर इच्छा थोपने की जगह उनके साथ सहयोग करें. दूसरे शब्दों में यह आकर्षण की शक्ति है या आकर्षित करने की क्षमता है, जिसके सहारे सम्मति हासिल की जाती है.

सोशल मीडिया के सहारे जनसंवाद की कूटनीति आज विदेश नीति का एक नया हथियार बन गया है. इसके सहारे बौद्धिक प्रभाव पैदा किया जाता है.

इन दिनों दुनियाभर में राजनीतिक अभियानों में सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है.

इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुशीलो बामबांग युधोयोनो की ट्विटर पर फॉलोअर संख्या 70 लाख से अधिक है और इसके साथ वे ओबामा तथा मोदी के बाद तीसरे स्थान पर हैं.

मोदी नवंबर 2014 में इंस्टाग्राम से जुड़े थे. जुड़ने के कुछ ही घंटों के भीतर उनके खाते को 38 हजार फॉलोअर मिल गए. पांच महीने से कम की अवधि में उनके फॉलोअरों की संख्या 4,43,000 पार कर गई है.

इंडियास्पेंड के मुताबिक ट्विटर ने भारतीय राजनीति और खासकर 2014 के लोकसभा चुनाव को गहरे तौर पर प्रभावित किया है. मतदान के रुझानों पर सोशल मीडिया में गहरा प्रभाव देखा गया है.

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