राष्ट्र

चरण संस्कृति के खिलाफ मोदी

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: मोदी ने स्पष्ट किया कि वे चरण संस्कृति के खिलाफ हैं. गौरतलब है कि उनका आशय यह नहीं था कि बड़ों के चरण न छुए जायें क्योंकि वह स्वंय पार्टी के बड़े नेताओं के चरणों की धूल लेने से नहीं चूकते हैं. मोदी का इशारा सांसदों से यह था कि नेताओं का चरण छूने वाले तथा बाद में उन्हें मुसीबत में डालने वाले चापलूसों से बचें.

उन्होंने सांसदों से विनम्र होने और नियमित रूप से अपने क्षेत्र का दौरा करने की सलाह देते हुए कहा कि उनके पांव न छुएं. पार्टी सूत्रों ने कहा कि मोदी ने शुक्रवार को पार्टी सांसदों से बातचीत करते हुए जमीन से जुड़े रहने की हिदायत दी और सरकार के संदेश को प्रसारित करने के लिए कहा.

उन्होंने सदस्यों से ठाकुर सुहाती से बचने और उनका पांव नहीं छूने की सलाह देते हुए कड़ी मेहनत करने को कहा. प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को आगाह किया कि किसी भी विषय पर अच्छी तरह अध्ययन करने के बाद ही उस पर बोलें.

भाजपा सूत्रों ने कहा कि उन्होंने मीडिया में विवाद पैदा करने वाले बयान से बचने के लिए कहा और पार्टी लाइन सुनिश्चित होने के बाद ही किसी मुद्दे पर बात करने के लिए कहा. इस बैठक को भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी संबोधित किया.

जाहिर है कि मोदी अपने सांसदों को उन गलतियों से दूर रहने की सलाह दे रहें थे जिससे भाजपा को पूर्व में नुकसान उठाना पड़ा था. दरअसल बीते राजग शासन में भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का कैमरे के सामने रिश्वत लेने का मसला हो या पैसा लेकर सांसदों द्वारा संसद में प्रश्न पूछने के मामले हों इनसे भाजपा की छवि को गहरा धक्का लगा था.

मोदी अपनी पारी के शुरूआत से ही इन मामलों को लेकर सजग हैं इसलिए वे स्वयं अपने मंत्रियों और सांसदों को नसीहत दे रहे हैं कि वे औरों से अलग वाली नजीर पेश करें.

error: Content is protected !!