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अशांत कश्मीर पाक की करतूत: राजनाथ

श्रीनगर/नई दिल्ली | समाचार डेस्क: भारत ने जम्मू एवं कश्मीर में अशांति के लिए गुरुवार को पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया. घाटी में लगातार 13वें दिन भी सख्त कर्फ्यू के बीच सामान्य जनजीवन पंगु बना रहा. हालांकि, अलगाववादियों ने कुछ घंटों के लिए अपने बंद में रियायत दी. घाटी के बड़े इलाके में डरावनी शांति बनी रही. हालांकि एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि लगभग दर्जन भर स्थानों पर लोगों ने पत्थरबाजी करते हुए प्रदर्शन किए.

प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में कई लोग घायल हो गए. यह नौ जुलाई से शुरू हुई झड़पों में सबसे ताजा है. यह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद बदले की कार्रवाई में यह हिंसा फैली.

वानी कश्मीर के सबसे बड़े पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी आतंकी गुट हिजबुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर था.

नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर में अशांत के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पाकिस्तान, भारत में आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है.

राजनाथ ने लोकसभा में कश्मीर मुद्दे पर हुई संक्षिप्त चर्चा के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जम्मू एवं कश्मीर की मौजूदा स्थिति बिगाड़ने में हमारा पड़ोसी (पाकिस्तान) ही सीधे तौर पर जिम्मेदार है.”

उन्होंने कहा कि आज देश जिस आतंकवाद से जूझ रहा है, वह पाकिस्तान प्रायोजित है.

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान धर्म के आधार पर अस्तित्व में आया था. लेकिन, वह स्वयं को एकजुट रखने में असफल रहा.”

राजनाथ ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.

उन्होंने कहा, “कश्मीर भारत का मुकुट है. यह स्वर्ग है और पड़ोसी देश की उस पर बुरी निगाह है. मुझे पूरा विश्वास है कि कश्मीर की गरिमा फिर से स्थापित कर ली जाएगी.”

हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर कश्मीरवासी बुरहान वानी की भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों हुई मौत पर पाकिस्तान द्वारा ‘काला दिवस’ मनाए जाने का कड़ा विरोध करते हुए राजनाथ ने कहा, “मारा गया आतंकवादी कई गंभीर एवं जघन्य अपराधों और गतिविधियों में संलिप्त था और पाकिस्तान को भारत में बसने वाले मुस्लिमों की चिंता करने की जरूरत नहीं है.”

उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों और लोकसभा सदस्यों से कश्मीर में शांति बहाल करने में मदद करने की गुहार भी लगाई.

उन्होंने कहा, “कश्मीर घाटी में माहौल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. कर्फ्यू वाले इलाकों में जरूरी उपयोग की चीजें पहुंचाई जा रही हैं और बीते दो सप्ताह से इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है.”

लेकिन कश्मीर में कर्फ्यू के साथ मोबाइल फोन और इंटरनेट संपर्क पर 13वें दिन भी प्रतिबंध जारी रहा.

कश्मीर घाटी में कर्फ्यू में ढील की अटकलों के बीच राज्य पुलिस के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि अगले आदेश तक प्रतिबंध सख्ती के साथ लागू रहेगा.

पुलिस का यह ताजा आदेश तब आया जब अलगाववादियों ने कश्मीरियों से अपनी दुकानें खोलने और जरूरी सामान एकत्र कर लेने को कहा. ऐसा तब हुआ जब पुलिस ने दोपहर बाद दो बजे से अस्थायी तौर पर कर्फ्यू में ढील दी. इस ढील से यह अफवाह फैली कि सरकार कर्फ्यू के प्रतिबंधों में ढील देगी.

इससे पहले प्रशासन ने गुरुवार को पूरी घाटी में दोपहर के वक्त कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया था, ताकि लोग जरूरत का सामान ले सकें.

लेकिन पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, “पूरी कश्मीर घाटी में कर्फ्यू एवं प्रतिबंधों में कोई रियायत नहीं की दी जाएगी.”

श्रीनगर में पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी बढ़ा दी गई और जिन इलाकों में पिछले कुछ दिनों में थोड़ी नरमी की गई थी वे फिर सख्त कर्फ्यू के दायरे में आ गए हैं.

लालचौक और आसपास के इलाकों में कुछ दुकानदार पोलो व्यू, लामबर्ट लेन और रेजिडेंसी रोड बाजार में दोपहर दो बजे के बाद अपनी दुकानें खोलने के लिए जुटे थे.

हालांकि, पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी. पुलिस ने लालचौक पर आने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए हैं.

प्रशासन ने गुरुवार को चार जिलों गांदेरबल, बांदीपोरा, बडगाम और बारामूला में स्कूल खोलने का फैसला किया है. घाटी में 10 जिले हैं.

हालांकि अधिकांश स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बहुत कम रही या कोई नहीं आया.

उधर अलगाववादियों ने एक बार फिर शुक्रवार से सोमवार तक बंद का आह्वान किया है.

इस बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पांच घंटे चली लेकिन राज्य के सत्ता पक्ष और विपक्षी राजनीतिक दलों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाने की वह ऐसे ही समाप्त हो गई.

महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से बात करने से परहेज किया. इस बैठक का सबसे बड़े विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस ने विरोध किया था.

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