धान खरीदी में बस्तर के 4 ज़िले रह गए पीछे
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में इस साल भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के पुराने रिकार्ड टूट गए हैं. राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में 144.92 लाख मीटरिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है.
हालांकि बस्तर के चार ज़िलों में धान खरीदी का लक्ष्य ही पूरा नहीं हो पाया. पंजीयन कराने वाले लगभग 50 हज़ार किसान अपना धान नहीं बेच पाए.
उपार्जित धान की यह मात्रा बीते खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में क्रय किए गए 107.53 लाख मीटरिक टन से 37.39 लाख मीटरिक टन अधिक है.
हालांकि अंतिम आंकड़े अभी आने बाकी हैं.
सरकारी आंकड़े के अनुसार राज्य में चालू खरीफ विपणन वर्ष में 130 लाख टन धान का उपार्जन अनुमानित था. इस साल धान बेचने के लिए राज्य के 26.85 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया था. पंजीकृत धान का रकबा 33.51 लाख हेक्टेयर था.
4 फरवरी शाम सात बजे तक राज्य में 24 लाख 72 हजार 310 किसान समर्थन मूल्य पर 144 लाख 92 हजार टन धान बेच चुके थे. किसानों को धान बेचने के एवज में अब तक 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है.
बस्तर के चार ज़िले पीछे
राज्य भर में धान की ख़रीदी के आंकड़े भले रिकार्ड तोड़ने वाले हों लेकिन बस्तर के कम से कम चार ज़िलों में धान खरीदी का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया.
बस्तर संभाग के चार ज़िलों कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में धान खरीदी लक्ष्य से कम रही.
बस्तर में इस साल 2,71,162 किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया था. लेकिन इनमें से 49,401 किसानों ने अपना धान नहीं बेचा. यानी पंजीकृत किसानों में से लगभग 18 फीसदी किसानों से धान खरीदी नहीं हुई.
राज्य सरकार ने धान खरीदी की सीमा में चार दिनों की बढ़ोत्तरी भी की. लेकिन इन चार दिनों में भी कुछ ज़िलों में धान बेचने को लेकर किसानों में कोई खास उत्साह नहीं नज़र आया.
नारायणपुर से आने वाले आंकड़ों पर भरोसा करें तो अंतिम चार दिनों में पूरे नारायणपुर ज़िले में केवल 15 किसानों ने धान बेचा. यानी हर दिन औसतन चार किसान भी धान बेचने नहीं आए.