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महाजेंको की कोयला खदान की पर्यावरणीय स्वीकृति रद्द

रायपुर | संवाददाता: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी यानी महाजेंको की छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की कोल ब्लॉक की पर्यावरणीय स्वीकृति रद्द कर दी है. इस कोयला खदान के लिए लगभग 215 हेक्टेयर जंगल को काटने की तैयारी थी.

महाजेंको की इस खदान के ख़िलाफ़ लंबे समय से संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे कन्हाई पटेल और उनके साथियों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी.

रायगढ़ ज़िले की इस सबसे बड़ी कोयला खदान पर पहले से ही कई गंभीर उल्लंघन के आरोप थे. अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 11 जुलाई 2022 को मिली पर्यावरणीय स्वीकृति को रद्द करते हुए कहा है कि इस स्वीकृति से पहले कई महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की गई है.

गौरतलब है कि महाजेंको को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ ज़िले की गारे-पेलमा सेक्टर-2 कोयला खदान आवंटित किया गया था.

हर साल इस खदान से 23.60 मिलियन टन कोयला निकाला जाना था, जिसका उपयोग महाराष्ट्र के कोराड़ी, पारली और चंद्रपुर पावर प्लांट में किया जाना था.

इसके लिए टिहली रामपुर, सराईटोला, मुड़ागांव, कुंजेमुरा, चितवाही, ढोलनारा, झिंकाबहाल, लिबरा, भालुमुड़ा, सरसमाल, गारे, रोडोपाली, पाता और डोलेसरा की 2583.48 हेक्टेयर ज़मीन पर कोयला खनन की तैयारी थी.

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