राष्ट्र

मोदी का महिला मंत्र

नई दिल्ली | संवाददाता: नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने गुजरात में महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में बहुत काम किये हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुलना में उनका काम बहुत आगे है. मोदी सोमवार को व्यापार समूह फिक्की की महिला सदस्यों को संबोधित कर रहे थे.

नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में गुजरात की दो अनपढ़ महिलाओं जसूबेन और इंदूबेन की कामयाबी की कहानी भी सुनाई. मोदी ने कहा कि अहमदाबाद में जसूबेन का पिज्जा बड़ा पॉप्युलर है. जसूबेन के पिज्जा हट के बगल में कोई पढ़ा लिखा नौजवान खड़ा होता है, तो उनका ही पिज्जा खाता है. अब आज मीडिया के लोग अहमदाबाद जाएंगे और खोजेंगे. जसूबेन कलावती जैसी तो नहीं है. और इसलिए मै कह दूं कि उनका पांच साल पहले स्वर्गवास हो चुका है. जसूबेन के निधन के पांच साल बाद भी उसका पिज्जा बड़ा हिट है.

उन्होंने कहा कि आज फाइव स्टार होटलों के मेन्यू में भी पापड़ के लिए लिज्जत का जिक्र होता है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे आदिवासी बहनों की मेहनत है. उन्होंने 80 रुपये से कारोबार शुरू किया और अब यह अरबों-खरबों में पहुंच गया है. इसी तरह इंदूबेन का खाखरा भी बड़ा फेमस है. मोदी ने कहा कि अमूल का पूरा आंदोलन महिलाओं के कारण ही सफल हो पाया.

नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी नहीं होती है, उनके पिता, पति या बेटे के नाम पर होती है. ट्रांसफर भी पति या दूसरे पुरुष परिजनों के नाम पर होती है. हमारी सरकार ने फैसला लिया कि जो भी महिला के नाम से प्रॉपर्टी लेंगे स्टैंप रजिस्ट्रेशन फीस माफ कर दी जाएगी. इसका नतीजा यह हुआ कि सरकार की तिजोरी को 500-600 करोड़ का नुकसान हुआ, लेकिन बड़ी तादाद में प्रॉपर्टी महिलाओं के नाम पर खरीदी जाने लगी.

मोदी ने कहा कि बच्चे को स्कूल भेजा जाता है तो पिता का नाम ही लिखा जाता है. क्या कभी सोचा है कि बच्चे को नौ महीने तक गर्भ में रखती मां है. उसके जन्म के कई महीनों तक वह सो भी नहीं पाती है. बच्चे को स्कूल भेजा जाए तो उसके नाम का जिक्र तक नहीं होती. हमारी सरकार ने इसे बदला. हमने फैसला लिया कि स्कूल में बच्चे के ऐडमिशन के समय मां का नाम पहले लिखा जाएगा. ये चीजें छोटी हैं, लेकिन इनकी ताकत को समझना होगा.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुजरात के एक गांव से करीब सात-आठ साल पहले 17-18 महिलाएं मिलने आई थीं. उस गांव ने एक बढ़िया फैसला किया था. पंचायत के प्रमुख पद के लिए महिला की बारी थी. उनके गांव ने फैसला किया था कि सभी पंचायत के सभी काम पांच साल के लिए महिलाओं के हाथ में दे दिए जाएं. मैंने उनसे पूछा कि क्या करना चाहती हैं, तो मूझे अनूठा जवाब मिला. उन्होंने कहा कि 5 साल में वे ऐसा करना चाहती हैं कि गांव में कोई गरीब न रहे. मैं इससे बहुत प्रभावित हुआ. हम योजना लेकर आए कि जो भी गांव इस गांव की तरह काम करेगा उसे स्पेशल स्टेटस का दर्जा देंगे. आज गुजरात में 300 से ज्यादा स्पेशल स्टेटस वाले गांव हैं.

मोदी ने कहा कि भारत की महिलाओं को लेकर पश्चिम की सोच को बदलना होगा. विकास यात्रा में महिलाओं को हिस्सेदार बनाना होगा. पश्चिम की इस सोच को बदलना होगा कि भारत की महिलाएं कामकाजी नहीं होती हैं. आदिवासी इलाकों में इकॉनमी में ड्राइविंग फोर्स वहां की महिलाएं हैं. निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी जितनी भागीदारी बढ़ेगी, उतनी उनकी ताकत बढ़ेगी.

जब मोदी से पूछा गया कि आपकी कमजोरी क्या है तो उन्होंने कहा कि हर एक के भीतर कुछ न कुछ कमियां मुझमें भी हैं वो सारी कमियां मुझमें हैं लेकिन मुझे ऐसे संस्कार मिले हैं जिन्होंने मुझे सिखाया है कि आप गुण के आधार पर चलो कमियां छूट जाएंगी.

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