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गुरमीत राम रहीम सिंह पर लगते रहे हैं आरोप

नई दिल्ली | संवाददाता: गुरमीत राम रहीम सिंह को लेकर ताज़ा फैसले का असर जो हो लेकिन विवादों से राम रहीम का गहरा नाता है.पिछले 15 सालों में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. लेकिन हरियाणा की सरकार डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों से हमेशा खौफ में रहती है. हालत ये है कि तमाम प्रतिबंधों के बाद भी डेरा सच्चा सौदा के समर्थक हज़ारों की संख्या में कहीं भी एकत्र हो जाते हैं और सरकार महज मुंह ताकती रह जाती है.

गुरमीत राम रहीम सिंह पर सबसे पहले मई 2002 में बड़ा आरोप लगा, जब डेरा सच्चा सौदा की एक कथित साध्वी ने डेरा प्रमुख पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को गुमनाम चिट्ठी भेजी और इसकी एक प्रति पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई.

इस चिट्ठी के बाद ही 10 जुलाई, 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की हत्या हो गई. आरोप लगा कि डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधकों को शक था कि रणजीत ने अपनी बहन से गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है जो डेरा में साध्वी थी. इसके बाद 24 सितंबर 2002 को हाईकोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में गुमनाम पत्र का संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच के आदेश जारी कर दिये.

इसी तरह फतेहाबाद के टोहाना में रहने वाले हंसराज चौहान ने 17 जुलाई 2012 को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर डेरा के 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के आरोप लगाया. चौहान ने आरोप लगाया कि छत्रपति हत्या प्रकरण के आरोपी निर्मल और कुलदीप भी डेरा सच्चा सौदा के नपुंसक साधु है. कोर्ट ने हत्या के मामलों में जेल में बंद डेरा के साधुओं के पूछताछ के आदेश दिए. इसमें उन्होंने स्वीकार किया कि वे नपुंसक हैं मगर कहा कि वे अपनी मर्ज़ी से बने हैं.

हत्या के आरोप और ज़मीनों पर कब्जा जैसे कई मुक़दमों को झेलने वाले गुरमीत राम रहीम की फिल्मी दुनिया में एंट्री पर भी विवाद हुआ. लेकिन राम रहीम सुपर हीरो बन कर उभरे. और हां, इन तमाम आरोपों के बीच एक बड़ा तथ्य ये है कि उनके समर्थकों की संख्या में कहीं कोई कमी नज़र नहीं आती है और ये समर्थक अपने गुरु यानी गुरमीत राम रहीम सिंह के लिये जान देने के लिये भी तैयार रहते हैं.

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