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अजय चंद्राकर के खिलाफ याचिका खारिज

बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में महिलाओं की प्रताड़ना समेत दूसरे आरोपों से घिरे मंत्री अजय चंद्राकर को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. चंद्राकर के खिलाफ एक स्थानीय अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिये थे. इसके अलावा चंद्राकर पर महिलाओं के साथ कथित रुप से अभद्र व्यवहार करने के आरोप भी लगे हैं.

गुरुवार को खारिज हुई याचिका में मनजीत कौर बल और कृष्ण कुमार साहु ने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ के मंत्री अजय चंद्राकर और उनके परिजनों की संपत्ति पिछले कुछ सालों में ही अरबों में हो गई. बैंकों में खाते भी कहीं अजय चंद्राकर तो कहीं अजोय चंद्राकर के नाम से खोले गए हैं.

याचिका में कहा गया था कि 2003 में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्होंने आय से अधिक संपत्ति बनायी. उस समय उनके पास 1 एकड़ 63 डिसमिल जमीन थी, जबकि अभी उनके पास व्यावसायिक कॉम्पलेक्स, राइस मिल, पेट्रोल पंप, स्कूल समेत करोड़ों की संपत्ति है. नोटबंदी के दौरान इन खातों में करोड़ों रुपए जमा हुए. इस बाबत याचिकाकर्ता ने बैंक प्रबंधन से भी पूछताछ और जांच की मांग की.

अदालत में चंद्राकर के खिलाफ दस्तावेज पेश करते हुए अदालत की संज्ञान में यह बात लाई गई कि मंत्री ने धमतरी शहर में एक तालाब ही खरीद डाली और उस पर आवासीय कॉलोनी भी बना दी गई. इसके अलावा भी चंद्राकर के खिलाफ कई गंभीर आरोप इस याचिका में लगाये गये थे और कथित रुप से महत्वपूर्ण सबूत भी उपलब्ध कराये गये थे.

इस मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था. गुरुवार को अदालत से अजय चंद्राकर को बड़ी राहत मिली और अदालत ने उनके खिलाफ दायर याचिका को खारिज़ कर दिया. इस मामले में टिप्पणी करते हुये चंद्राकर ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. उन्होंने कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा था.

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