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अब आया कोरोना का FLiRT वैरिएंट

नई दिल्ली | डेस्क: कोरोना के नए स्वरुप FLiRT ने एक बार फिर वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है. भारत में पिछले तीन दिनों में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़े हैं. गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश भर में कोरोना के 469 सक्रिय मरीज थे.

वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया भर में पहले के वेरिएंट JN.1 में कमी आई है, लेकिन नया वेरिएंट जिसकी पहचान KP.2 के रूप में किया है, वह तेज़ी से बढ़ा है.

वैज्ञानिकों ने इसे ही FLiRT फ्लर्ट नाम दिया है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सिंगापुर में कोरोना के जोखिमों को बढ़ाने वाले फ्लर्ट वैरिएंट KP.2 के मामले, अब भारत में भी बढ़ रहे हैं, जिसको लेकर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि फ्लर्ट भी ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक रूप है.

केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना के इस नए वैरिएंट फ्लर्ट के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट में दर्ज़ किए गए हैं, जहां 148 मरीजों में नया वैरिएंट मिला है.

पश्चिम बंगाल में इस नए वैरिएंट के 36 मरीज़ मिले हैं.

इसी तरह गुजरात में 23, राजस्थान में 21, ओडिशा में 17, उत्तराखंड में 16, गोवा में 12, उत्तर प्रदेश में 8, कर्नाटक में 4, हरियाणा में 3, मध्य प्रदेश और दिल्ली में एक-एक लोगों में नए वैरिएंट से संक्रमितों की पहचान की गई है.

कितना ख़तरनाक है FLiRT

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी के अनुसार जेएन.1 सर्दियों के महीनों के दौरान हुआ था, जब लोग घर के अंदर इकट्ठा होते थे और वायरस फैलने की अधिक आशंका होती थी.

इसके लक्षण महामारी के शुरुआती वर्षों में वेरिएंट के कारण होने वाले लक्षणों की तुलना में हल्के थे.

अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि FLiRT वेरिएंट के साथ कोरोना की बीमारी अधिक गंभीर होगी या इससे संबंधित बदले हुए लक्षण किस तरह के होंगे.

सीडीसी का कहना है कि हर मनुष्य की प्रकृत्ति अलग होती है.

किसी व्यक्ति के लक्षण और उनकी सीओवीआईडी ​​बीमारी की गंभीरता आमतौर पर इस बात पर कम निर्भर करती है कि वे किस प्रकार से संक्रमित हैं.

इसके उलट यह उनकी प्रतिरक्षा और समग्र स्वास्थ्य पर अधिक निर्भर करता है.

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