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27 फीट तक हवा में फैल सकता है कोरोना?

नई दिल्ली | डेस्क: क्या कोरोना वायरस के कण हवा में 27 फीट की दूरी तक फ़ैल सकते हैं? कम से कम एमआईटी की एसोसिएट प्रोफेसर लिडिया बॉरुइबा का तो यही दावा है.

दुनिया भर में कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह के शोध चल रहे हैं और अंतिम रुप से अब तक वैज्ञानिक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाये हैं. ज़ाहिर है, इसमें अभी बरसों लगेंगे लेकिन सुरक्षित दूरी को लेकर किये जा रहे दावों में अब बहस शुरु हो गई है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का दावा है कि इस बीमारी में 3 फीट की दूरी सुरक्षित है. लेकिन लिडिया बॉरुइबा नये शोध ने इसका खंडन किया है.

खांसी और छींक की गतिशीलता पर वर्षों तक शोध करने वाली लिडिया ने अपने नये शोध में कहा है कि कोरोना संक्रमित से 3 फीट या 6 फीट की दूरी संबंधी जितने भी दावे हैं, वे 1930 के कालातित शोध पर आधारित हैं.

बॉरुइबा ने चेतावनी देते हुये कहा है कि “सभी आकारों की रोगजनक-असर वाली बूंदें 23 से 27 फीट की यात्रा कर सकती हैं.”

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित उनका शोध यह भी चेतावनी देता है कि “बूंदें जो प्रक्षेपवक्र के साथ बसती हैं, सतहों को दूषित कर सकती हैं” – और “अवशेष या छोटी बूंद नाभिक” “घंटों तक हवा में रह सकते हैं.”

उन्होंने चीन की 2020 की एक रिपोर्ट पर ध्यान दिलाया है, जिसमें दिखाया गया है कि “वायरस के कण कोविड-19 वाले मरीजों के अस्पताल के कमरों में वेंटिलेशन सिस्टम में पाए जा सकते हैं.”

बॉरुइबा ने एक मीडिया संस्थान यूएसए टुडे से बातचीत में कहा, “मेरा अनुरोध है कि वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिए जा रहे दिशा-निर्देशों को संशोधित करने और सुरक्षा उपकरणों की जरूरतों पर, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के लिए दिशा-निर्देशों को संशोधित किया जाये.”

ग़लत है दावा

इधर अमरीका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने डॉ. एंथनी फौसी ने कहा कि यह दावा बहुत ही भ्रामक है कि कोरोनो वायरस 27 फीट की यात्रा कर सकता है और घंटों तक हवा में रहता है.

व्हाइट हाउस टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. एंथनी फौसी ने कहा, “मुझे खेद है, लेकिन मैं उस रिपोर्ट से परेशान था क्योंकि यह भ्रामक था.” वे एमआईटी एसोसिएट प्रोफेसर लिडिया बॉरुइबा के शोध प्रतिक्रिया दे रहे थे.

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