मोदी नारे वाले नेता नहीं- चीन
नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: चीन की सरकारी मीडिया ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘मैन ऑफ एक्शन’ कहा है. चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख ‘भाजपा की चुनावी जीत चीन-भारत संबंधों पर असर डालेगी’ में कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी केवल नारों तक सीमित हो जाने वाले नेता नहीं वरन् कार्यवाही करने वाले व्यक्ति हैं. हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा को उत्तरप्रदेश में मिली जीत ने चीन के नीति -निर्धारकों को भी सोचने के लिये मजबूर कर दिया है कि मोदी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सफलता मिल सकती है.
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ऐसा माना जाता है कि ग्लोबल टाइम्स से चीन की विदेश नीति का पूर्वाभास लगाया जा सकता है. चीन में एक पार्टी का राज है. वह है वहां की कम्युनिस्ट पार्टी. चीन की मीडिया पर भी सरकार का नियंत्रण है. इस कारण से चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में छपे उत्तरप्रदेश चुनाव नतीजे पर विश्लेषण को आने वाले कल का संकेत माना जा रहा है. ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख के अऩुसार मोदी की इस जीत का चीन-भारत संबंधों पर भी असर पड़ेगा. इसके बारे में चीनी अखबार में लिखा है, “भारत के आंतरिक मामलों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी का सख्त बर्ताव भाजपा को मिली जीतों के कारण और कठोर होता जायेगा.”
गलोबल टाइम्स ने लिखा है, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें, तो प्रधानमंत्री मोदी भारत के पुराने बर्ताव में बदलाव लाये हैं. पहले भारत किसी को भी नाराज नहीं करना चाहता था, लेकिन अब वह अपने हितों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए बाकी देशों के साथ जुड़े विवादों में भी साफगोई से अपना पक्ष रखता है. अगर मोदी अगला चुनाव जीतते हैं, तो भारत का मौजूदा सख्त और कठोर रवैया जारी रहेगा. इस जीत के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और मजबूत हुये हैं. इसका मतलब है कि बाकी देशों के साथ जुड़े विवादों में भारत मुश्किल से ही कोई समझौता करेगा.” ग्लोबल टाइम्स ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारत-चीन सीमा पर जवानों के साथ दिवाली का त्योहार मनाये जाने के प्रसंग का भी जिक्र किया है.
इस लेख में आगे कहा गया है, “पेइचिंग और नई दिल्ली के आपसी सीमा विवादों को ही देखिये. अभी तक इस संबंध में कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आई है. मोदी ने भारत-चीन सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के साथ भारत के सबसे बड़े त्योहार दिवाली को मनाकर इस सीमा विवाद पर अपने सख्त रुख का परिचय दिया.” लेख में आगे कहा गया है, ” प्रधानमंत्री मोदी ने अमरीका और जापान के साथ रक्षा संबंधों को और मजबूत किया. उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को फिर से संतुलित करने की अमरीकी नीति को समर्थन दिया. दक्षिणी चीन सागर विवाद पर भी उन्होंने अमरीका के पक्ष का समर्थन किया.”
ग्लोबल टाइम्स ने उम्मीद जताई है कि इरादों के पक्के प्रधानमंत्री मोदी बहुत कुछ करने की काबिलियत रखते हैं. अखबार ने लिखा है, “जमीन पर ये हार्डलाइनर्स भले ही लचीले ना दिखें, लेकिन एक बार जब ये अपना मन बना लेते हैं, तो अपनी योग्यता और काबिलियत के बूते किसी मुद्दे पर समझौता करने में भी दृढ़ता दिखाते हैं. हमें उम्मीद है कि मोदी के कार्यकाल में सीमा विवाद सहित तमाम आपसी मतभेदों को सुलझाया जा सकता है, बशर्ते दोनों पक्ष इसके लिये राजी हों.”
ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख से जाहिर है कि चीन, प्रधानमंत्री मोदी की भारतीय राजनीति में बढ़ती पैठ से सतर्क हो गया है. एक तरफ जहां उसने चिंता जाहिर की है कि भारत ने दक्षिणई चीन सागर मुद्दे पर अमरीका का साथ दिया है वहीं, इस बात की भी उम्मीद कर रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी सीमा विवाद को हल कर सकते हैं.