रायपुर

छत्तीसगढ़: ‘पशुपालन फायदे का व्यवसाय’

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पशुपालन अब फायदे का व्यवसाय बन गया है. उन्होंने कॉषि तथा पशुपालन के क्षेत्र में अनुसंधान किये जाने पर जोर दिया है. कृषि एवं पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को दुर्ग जिले के अंजोरा में तीन दिवसीय 29वीं राष्ट्रीय पशुधन संगोष्ठी का शुभारंभ किया. यह संगोष्ठी इंडियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी एनॉटामिस्टस के वार्षिक सम्मेलन के साथ शुरू हुई. मुख्य अतिथि बृजमोहन अग्रवाल ने इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया. शासकीय पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, पशुपालन भी अब फायदे का व्यवसाय बन गया है.

खेती-किसानी और दूध के उत्पादन में पशुधन के महत्व को देखते हुए हमें इन पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने की जरूरत है. पशु पालन मंत्री ने कृषि वैज्ञानिकों से इसके लिए व्यापक अनुसंधान का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ऐसे अनुसंधान कार्यों का फायदा छत्तीसगढ़ के किसानों और पशुपालकों को भी मिलना चाहिए ताकि उनकी आमदनी बढ़ सकें.

उन्होंने शोध पत्रों का प्रकाशन सहज-सरल हिन्दी में किए जाने की भी जरूरत बताई . संगोष्ठी के शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशिला साहू ने की. मुख्य अतिथि की आसंदी से शुभारंभ समारोह में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, पशुपालन खेती-किसानी से ही जुड़ा व्यवसाय है. राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के कारण पशुपालन का व्यवसाय किसानों के लिए आमदनी का अतिरिक्त जरिया साबित हो रहा है.

उन्होंने कहा कि दूध, दही, मठा जैसे उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है. इस वजह से वर्तमान में पशुपालन भी फायदे का व्यवसाय बन गया है. छत्तीसगढ़ में हजारों परिवारों ने इसे प्रमुख व्यवसाय के रूप में अपनाया है.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पशुधन के विकास में अंजोरा के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय का सराहनीय योगदान है. महाविद्यालय के माध्यम से पशुपालकों को जरूरी और उपयोगी सलाह मिलती है.

उन्होंने दुधारू पशुओ के लिए सस्ते पोषण आहार की नई किस्में विकसित करने की आवश्यकता बताई और इसके लिए पशु वैज्ञानिकों से विशेष ध्यान देकर इस क्षेत्र में कार्य का आग्रह किया. पशुपालन मंत्री ने पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी नये शोध किए जाने और टीके विकसित करने पर जोर दिया.

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