रायपुर

दिल्ली हार का कारण, अनदेखी: रमन

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द इकोनॉमिक टाइम्स’ के अनुसार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा स्थानीय नेतृत्व की अनदेखी दिल्ली में भाजपा की हार की कारण है. रमन सिंह ने अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द इकोनॉमिक टाइम्स’ से कहा, “दिल्ली में खराब प्रदर्शन का यह सबसे बड़ा कारण है, लेकिन इसके अलावा भी कई वजहें हैं. चुनाव में स्थानीय मसलों को उठाया जा सकता था.”

रमन सिंह ने कहा,“It is obvious that it was the party’s big fault that the local leadership was not projected properly in Delhi and this led to confusion. This is one of the main reasons for the poor performance in Delhi but there are also many other reasons. Local issues may have played in the city,”.

उल्लेखनीय है दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भाजपा नेतृत्व ने दिल्ली के नेताओं को दरकिनार कर किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत किया. जिस दिन दिल्ली विधानसभा के लिये किरण बंदी के नाम की घोषमा की गई थी उसी दिन वहां के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय को टिकट न दिये जाने के कारण अपने गुस्से का इजहार किया था.

आम आदमी पार्टी की दिल्ली में जीत का देश के अन्य राज्यों में पड़ने वाले प्रभाव पर रमन सिंह ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इससे राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर पड़ेगा क्योंकि ‘आप’ दिल्ली तक ही सीमित है और देश के अन्य हिस्सों में उन्हें जनाधार बनाने के लिए काफी कुछ करना होगा.”

गौरतलब है दिल्ली विधानसभा के 70 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 67 तथा भाजपा को केवल 3 सीटें मिली है. दिल्ली में भाजपा की हार पर अमरीकी मीडिया ने टिप्पणी की है कि मोदी अजेय नहीं हैं.

इस खबर के आने के बाद छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग के डायरेक्टर रजत कुमार ने प्रेस नोट के जरिए कहा है कि सीएम ने अखबार में छपी ऐसी बात नहीं की है. अगर सीएम ने ऐसी कोई बात कही होती तो किसी और अखबार में भी उनका बयान छपा होता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जबकि वहां पर कई और संवाददाता मौजूद थे. सीएम ने चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए केवल यही कहा था कि राज्य के चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं. दिल्ली के चुनाव भी सड़क, पानी और बिजली जैसे मुद्दों के आधार पर लड़े गए. डॉ सिंह ने वहां यह भी कहा था कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव नतीजों के विश्लेषण की बात कही है. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कहा था कि पार्टी ने स्थानीय नेताओं को प्रोजेक्ट नहीं किया या स्थानीय नेतृत्व को महत्व देने में असफल रही.

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