छत्तीसगढ़

छग: जीवन शैली बिगाड़ रही स्वास्थ्य

रायपुर | संवाददाता: गलत जीवन शैली के कारण छत्तीसगढ़ के 10लाख लोग बीमार हैं. इसका खुलासा सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गये राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के रिपोर्ट 2012-13 से होता है. छत्तीसगढ़ के करीब 10.25लाख लोगों को उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, दमा तथा वात रोग है. इन बीमारियों को चिकित्सीय भाषा में लाइफ स्टाइल डीसीज कहते हैं जो आधुनिक जीवन शैली का परिणाम हैं.

आज के आधुनिक युग में पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, मैगी, आइसक्रीम तथा फास्ट फूड बच्चों के साथ-साथ बड़े भी खाते हैं. जिनमें वसा की मात्रा ज्यादा होती है. सलाद तो केवल सजाने के लिये पेश किये जाते हैं. दूसरी तरफ, घर के खाने के बजाये होटलों के मसालेदार पनीर, चिकन, मछली, सूप, पेस्टी तथा बटर लगी रोटियों को वरीयता दी जाती है. यहां तक की घर में कुछ खाना बनाया जाता है तथा कुछ बाहर से मंगा लेने को जीवन शैली में शामिल कर लिया गया है.

दूसरी तरफ पान-गुटका खाने के लिये भी गाड़ी का जुगाड़ देखा जाता है. दो से तीन मंजिल के फ्लैट्स में लोग सीढ़ी के बजाये लिफ्ट से चढने में अपनी शान समझते हैं. कहीं आना-जाना हो तो हम गाड़ियों के गुलाम हो जाते हैं.

इन सब के कारण एक तो ज्यादा वसा युक्त भोजन किया जाता है तथा शारीरिक श्रम कम होता जा रहा है. परिणाम स्वरूप शरीर में वसा जमा होती जाती है, रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है. देश के बड़े शहरों के समान जीवन शैली व्यतीत करने की होड़ में छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी जीवन शैली के कारण पैदा होने वाली बीमारियां बढ़ती जा रही है. इसका फायदा दवा कंपनियां उठा रहीं हैं तथा खूब मुनाफा बटोर रहीं हैं.

सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण की माने तो छत्तीसगढ़ के प्रति 1लाख की आबादी में 4,000 लोग इन जीवन शैली के बीमारियों से पीड़ित हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में प्रति 1लाख में 5420 शहरी तथा 3842 गांव के लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं. जाहिर है कि शहरों में इस रोग से ज्यादा लोग पीड़ित हैं. वैसे मॉल संस्कृति शहरों में ही तो ज्यादा है.

जहां तक डायबिटीज तथा उच्च रक्त चाप की बीमारी का सवाल है यह पुरुषों में महिलाओं के तुलना में ज्यादा होता है. शहरों में 1626 पुरुष तथा 1107 महिलाएं जीवन शैली के कारण बीमार हैं वहां गांवों में यह आकड़ा पुरुषों में 403 तथा महिलाओं में 231 है.

सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज बिलासपुर में तथा सबसे कम दंतेवाड़ा में हैं. उसी प्रकार से उच्च रक्त चाप की बीमारी सबसे ज्यादा धमतरी में तथा सबसे कम जशपुर में है. वहीं दमा में पुरुषों में ज्यादा तथा वात रोग महिलाओं में ज्यादा पाया गया है.

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