शराब दुकान में नौकरी के लिये मारामारी
बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब दुकान में नौकरी के लिये युवा उमड़ पड़े हैं. एक तरफ महिलायें तथा अन्य लोग आबादी के पास सरकारी शराब दुकान खोले जाने का विरोध कर रहें है तो दूसरी तरफ शिक्षित बेरोजगारों की फौज इसमें नौकरी पाने के लिये मारामारी कर रही है.
छत्तीसगढ़ शासन 1 अप्रैल से 400 से भी ज्यादा शराब दुकानों का संचालन निगम के माध्यम से करने जा रही है. इन शराब दुकानों में नौकरी के लिये आबकारी विभाग कोई भर्ती नहीं कर रहा है. भर्ती प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इसके लिये 12 हजार से 15 हजार तक मासिक वेतन दिया जायेगा.
इसके बाद से ही शिक्षित बेरोजगार इन शराब दुकानों में नौकरी पाने के लिये आबकारी विभाग के दफ्तरों में उमड़ रहें हैं. पहले दिन प्लेसमेंट एजेंसी के लोग आबकारी विभाग के दफ्तर में बैठकर आवेदन ले चुके हैं. तभी से युवा नौकरी के लिये आबकारी विभाग के चक्कर काट रहें हैं.
सरकारी शराब दुकानों में कंम्प्यूटर आपरेटर से लेकर अन्य की भर्ती की जानी है. यह भी जानकारी मिली है कि प्लेसमेंट एजेंसी संविदा आधार पर भर्ती करने वाली है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईवे के 500 मीटर के दायरे में आने वाले शराब के दुकानों को हटाने का निर्णय दिया है. जिसके बाद से निजी ठेकेदार इन दुकानों को चलाने के इच्छुक नहीं है. इस कारण से शासन ने निगम बनाकर इन शराब दुकानों का संचालन करने का निर्णय लिया है.
सरकारी आंकड़ों के अऩुसार छत्तीसगढ़ में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 19 लाख 53 हजार 5 सौ 56 है. इस तरह से छत्तीसगढ़ की करीब 13 फीसदी आबादी के पास कमाई का कोई जरिया नहीं है.