नये नोट का जखीरा, CBI जांच की मांग
नई दिल्ली | संवाददाता: नये नोटों के जखीरें की सीबीआई जांच की मांग की गई है. आल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन ने केन्द्र सरकार से देश के विभिन्न स्थानों से नये नोटों के जखीरे मिलने की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि फिछले 72 घंटो में देश के कई हिस्सों से कुल 300 करोड़ रुपयों के नये नोट पुलिस-प्रशासन-आयकर द्वारा जब्त किये गये हैं. उससे पहले भी देश के कई हिस्सों से 2000 रुपये को नये नोटों की भारी नगदी बरामद की गई थी. जिनसे यह नगदी जब्त की गई वे इसका हिसाब नहीं दे पा रहे हैं.
आल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के सीएच वेंकटाचलम का कहना है कि सीधे तौर पर बैंकों से इतनी बड़ी रकम निकालना संभव नहीं है क्योंकि निकासी की सीमा तय कर दी गई है. उनका कहना है कि सरकारी बैंकों के कम्प्यूटरों को भी इसी तरह से प्रोगाम किया गया है कि उससे तय सीमा से ज्यादा रकम नहीं निकाली जा सकती है.
गौरतलब है कि बचत खातों से सप्ताह में 24 हजार रुपये तथा चालू खातों से सप्ताह में 50 हजार रुपये की निकासी तय कर दी गई है. वहीं एटीएम से 2500 रुपये प्रतिदिन निकाले जा सकते हैं.
कहां से मिले कितने कैश-
गुवाहाटी- असम पुलिस ने सोमवार को गुवाहाटी में एक बिज़नसमैन के घर पर छापा मारकर 1.55 करोड़ नकदी ज़ब्त किया है जो नये 2000 और 500 के नोटों में है.
जयपुर- सोमवार यानी 12 दिसंबर को ही पुलिस ने 93.52 लाख रूपये नई करेंसी में ज़ब्त किये. ये पैसे सात लोगों के पास से 2000 के नोटों में मिले हैं.
बैंगलुरू- आयकर के छापों में एक दिसंबर को 4.7 करोड़ रूपए दो लोगों से बरामद किये. इस घटना में 2000 के अलावा 500 और 100 रूपए के भी ढेर सारे नोट बरामद हुये और सोने के बिस्किट भी.
चेन्नई- आयकर विभाग ने आठ स्थानों पर छापे मारकर 90 करोड़ रूपये और 100 किलो सोना बरामद किया. आठ दिसंबर की इस घटना में बरामद 90 करोड़ में से कुछ नई करेंसी में और बाक़ी पुरानी करेंसी के नोट थे.
वेल्लोर- इस शहर में नौ दिसंबर एक वैन घूमती हुई पाई गई जिसमें ख़ासा कैश था. जब पुलिस ने वैन को रोक कर तलाशी ली तो इसमें से 24 करोड़ कैश निकला. ये पैसा कथित रूप से किसी उद्योगपति का था.
दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित एक्सिस बैंक पर आयकर ने छापे मारे. पता चला कि 44 जाली अकाउंटों में 100 करोड़ रूपए जमा किया गया था.
दिल्ली- दक्षिण दिल्ली में ग्यारह दिसंबर को मारे गए छापे में एक लॉ फ़र्म के दफ्तर से 13 करोड़ रूपए बरामद किये गये जिसका एक हिस्सा नई करेंसी में था.
आल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल को भेजे प्रतिवेदन में आरोप लगाया है कि राष्ट्रीकृत बैंकों की तुलना में चुनिंदा बैंकों को ज्यादा नगदी उपलब्ध कराई जा रही है.
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आल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन का आरोप है कि निजी बैंकों से ज्यादा निकासी संभव है इसलिये उनके साथ ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसियेशन केन्द्र सरकार से मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करता है.
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक से बैंकों तथा एटीएम तक रुपये पहुंचाने की प्रक्रिया इतनी सुरक्षित है कि बीच में से कोई खातेदार सीधे उससे पैसे नहीं निकाल सकता है.
* टकसालों में नोटों की छपाई के बाद उसे सीधे रिजर्व बैंक भेजा जाता है.
* रिजर्व बैंक इन रुपयों को करेंसी चेस्ट में भेजती है.
* करेंसी चेस्ट से पैसे बैंकों तक पहुंचते हैं.
* बैंकों से पैसे एटीएम कॉन्ट्रेक्टरों के माध्यम से एटीएम मशीनों में भरे जाते हैं.
* इनमें से केवल बैंकों से अपने बचत खातों तथा चालू खातों और एटीएम से कार्ड के जरिये ही निकासी संभव है.
* जबकि बैंकों एवं एटीएम से निकासी को सीमित कर दिया गया है.
सिर्फ बैंक ही एकमात्र स्रोत हैं जहां से एक खाताधारी नकदी ले सकता है. इसलिए हाल ही में करोड़ों की तादाद में बरामद की गई नई करेंसी के नोट को लेकर बैंकों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. सीबीआई जांच से इस बात का पर्दाफाश हो सकता है कि किन बैंकों से किनके मदद से नये नोट अवैध रूप से कतिपय लोगों को दिये गये हैं.