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छत्तीसगढ़ में बस्तर विशेष बल का गठन

रायपुर | डीपीआर :छत्तीसगढ़ में बस्तर विशेष बल का गठन किया जायेगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक में बस्तर विशेष बल के गठन के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए त्वरित कार्रवाई की जाए.

इस विशेष बल में बस्तर के संवेदनशील क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों के स्थानीय युवाओं की भर्ती की जाए, इससे स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियां और स्थानीय भाषा की जानकारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. यदि अंदरूनी गांवों के युवाओं की बल में भर्ती की जाएगी तो पुलिस का काम और ज्यादा आसान हो जाएगा. पुलिस मुख्यालय द्वारा विशेष बल के गठन का प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही शासन को भेजा जाएगा. बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि कोविड संकट काल में पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सराहनीय कार्य किया है, जिसकी हर तरफ प्रशंसा की जा रही है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पटनायक समिति के माध्यम से छोटे-छोटे प्रकरणों में जेल में बंद आदिवासियों की रिहाई के लिए तेजी से कार्रवाई की जाए. हर माह इन प्रकरणों की वापसी की समीक्षा की जाए.

बैठक में बताया गया कि पटनायक समिति के समक्ष 625 प्रकरण प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें 404 प्रकरणों में समिति ने अनुशंसा की है. न्यायालय से 206 प्रकरण निराकृत किए गए हैं. इसी तरह मुख्यमंत्री ने चिटफण्ड कम्पनियों के प्रकरणों को तेजी से निराकृत कर संबंधित लोगों को राशि की वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए.

उन्होंने इन प्रकरणों की हर माह समीक्षा करने के निर्देश दिए. बैठक में जानकारी दी गई कि चिटफण्ड से संबंधित 17 प्रकरणों में नीलामी की कार्यवाही कर 9 करोड़ 4 लाख 40 हजार 220 रूपए शासन की खाते में जमा किया गया है. रायपुर और दुर्ग में दो प्रकरणों में नीलामी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. दुर्ग जिले में संबंधित लोगों को कुल 16.04 लाख रूपए, राजनांदगांव जिले में 1.88 लाख रूपए, बिलासपुर जिले में 2.80 लाख रूपए और बेमेतरा जिले में 2.22 लाख रूपए की राशि वापस की गई है.

भूपेश बघेल ने कहा कि न्यायालय के निर्देशानुसार विभाग द्वारा आरक्षक भर्ती का टाईम टेबल घोषित किया जाए. उन्होंने कहा कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी संवेदनशीलता के साथ पुलिस कर्मियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करें और पुलिस कर्मियों के साथ सीधा संवाद स्थापित करें. उनके प्रमोशन, स्थानांतरण और छुट्टी के आदि मामलों पर त्वरित कार्यवाही करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 18 माह में और विशेष रूप से कोविड संकट काल में आम जनता के बीच पुलिस की अच्छी छवि बनी है. मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती राज्यों से शराब की तस्करी और सट्टे पर कठोरता के साथ अंकुश लगाने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित दुर्गम क्षेत्रों में प्री फेब्रिकेटेड पुल-पुलिया बनाए जाएं.

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली से आम जनता में उनके प्रति सम्मान और अपराधियों में डर का भाव हो. उन्होंने सभी जिलों में पुलिस के पेट्रोल पंप प्रारंभ करने के लिए प्रयास करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे होने वाली आय की राशि पुलिस वेलफेयर में खर्च की जाए.

उन्होंने सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता बतायी. बैठक में मुख्य सचिव आर.पी. मंडल, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, पुलिस महानिदेशक जेल संजय पिल्ले, विशेष पुलिस महानिदेशक आर. के. विज और अशोक जुनेजा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, पवन देव और हिमांशु गुप्ता सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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