भाजपा AGP के कारण जीती: शिवसेना
मुंबई | समाचार डेस्क: शिवसेना ने भाजपा पर तंज कसा है कि वह असम में असम गण परिषद के कारण चुनाव जीत सकी है. ‘सामना’ के संपादकीय के माध्यम से शिवसेना ने कहा है कि अन्य राज्यों में उसने केवल अपनी उपस्तिति दर्ज करवाई है परन्तु प्रचार ऐसी कर रही है मानों भाजपा ने पांच राज्यों के चुनाव जीते हैं. महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना ने कहा कि भाजपा पांच राज्यों के चुनाव परिणामों का सारा श्रेय भाजपा न हथियाना चाहती है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा है कि भाजपा केवल असम ही जीत सकी है, लेकिन प्रचारित ऐसे कर रही है, जैसे पांचों राज्य जीत लिया हो.
शिवसेना ने कहा कि वाममोर्चा ने केरल जीत लिया है. तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में वापसी की है. ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने तमिलनाडु में अपनी सत्ता बरकरार रखी है जबकि कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन पुदुच्चेरी में सरकार बनाने जा रहा है. ऐसे में भाजपा कैसे दावा कर रही है कि सभी राज्यों में उसकी स्वीकार्यता बढ़ी है.
‘सामना’ के तीखे संपादकीय में कहा गया है कि यह कहना त्रुटिपूर्ण होगा कि लोगों ने केंद्र की भाजपा सरकार के पिछले दो साल के प्रदर्शन का पूरे दिल से समर्थन किया है.
शिवसेना के मुताबिक, यदि ऐसा होता तो असम के अलावा अन्य चार राज्यों- केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में भी प्रधानमंत्री मोदी की सरकार, उनके नजरिये और उनकी राजनीति को समर्थन मिलता दिखना चाहिए था.
पार्टी का कहना है कि वास्तव में चार राज्यों में से प्रत्येक में अन्य राजनीतिक दलों ने अपने स्थानीय स्वतंत्र एजेंडे पर चुनाव लड़ा, जिसने उन्हें विजेता बनने में मदद की.
शिवसेना ने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा है, “कल यदि डोनाल्ड ट्रंप या हिलेरी क्लिंटन अमरीका में जीतें या पाकिस्तान में नवाज शरीफ की सत्ता बरकरार रहे तो क्या उसका श्रेय मोदी सरकार के प्रदर्शन को दिया जा सकता है?”
संपादकीय में चुनाव परिणामों को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के अच्छे कामों के लिए श्रेय लेने को लेकर भाजपा के शीर्ष नेताओं की आलोचना की गई है.
शिवसेना ने शुक्रवार को कहा था कि भाजपा क्षेत्रीय दलों के नेताओं को नहीं हरा सकती और असम में भी उसकी जीत असम गण परिषद से गठबंधन के कारण हासिल हुई है.
भाजपा पश्चिम बंगाल एवं केरल में महज खाता खोलने के लिए लड़ी, जबकि सारे प्रयासों के बावजूद तमिलनाडु में खाली हाथ रही, जबकि कांग्रेस पुदुच्चेरी में सत्ता में लौटी.
शिवसेना ने कहा, “कांग्रेस मुक्त भारत एक सराहनीय लक्ष्य था, लेकिन चुनाव परिणामों ने साबित कर दिया कि भाजपा इसे हासिल करने में नाकाम रही.”
महाराष्ट्र की सरकार में साझेदार पार्टी ने कहा कि यदि असम को छोड़ दें, जहां भाजपा को असम गण परिषद के समर्थन से पूर्ण बहुमत मिला, मगर अन्य राज्यों में एक फीसदी भी भाजपा के हाथ नहीं आई.