इंटरनेट पर छाये जोगी
रायपुर | अन्वेषा गुप्ता: छत्तीसगढ़ की राजनीति में अजीत जोगी को नकारा नहीं जा सकता है. इस सच को सार्वजनिक तौर पर स्वीकारने में भाजपा तथा कांग्रेस दोनों इंकार कर सकती है परन्तु छत्तीसगढ़ की जनता में जोगी को जानने की चाह कम नहीं हुई है. हम बात कर रहें है सोमवार, 6 जून 2016 के दो दिन पहले की. तब से लेकर छत्तीसगढ़ के सोशल मीडिया में अजीत जोगी छाये हुये हैं. उऩसे संबंधित हर खबर पढ़ी जा रही है, उऩके हर बयान पर ‘लाइक्स’ मिल रहें हैं, जोगी से संबंधित खबरें प्रकाशित करने पर इंटरनेट पर उसे लगातार ‘हिट’ मिल रहें हैं.
नई पीढ़ी के लोग समाचार-पत्रों की बनस्पित टीवी तथा ऑनलाइन खबरों को ज्यादा तरहीज देते हैं. समाचार-पत्रों की बिक्री से इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि किस कारण से उसका प्रसार बढ़ा है. ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन समाचार-पत्रों के लिये जो आकड़े जारी करता है वे केवल उसके बिकने की संख्या पर मुहर होती है. टीवी के कार्यक्रमों में कौन सा कार्यक्रम या समाचार ज्यादा देखा जाता है उसकी पड़ताल टेलीविजन रेटिंग पाइंट के आधार पर की जाती है. उसके बाद भी दावा नहीं किया जा सकता कि समाचार के कौन से हिस्से पर लोगों की दिलचस्पी है.
जबकि ऑनलाइन समाचारों में जो इंटरनेट पर प्रसारित होते हैं हर खबर की पठनीयता को जांचा जा सकता है. ‘गूगल एनालिटिक्स’ साफ-साफ बता देता है कि कौन सी खबर कहां से कितने देर तक पढ़ी गई है. हम इसी ऑनलाइन समाचारों की बात कर रहें हैं. शनिवार याने 4 जून 2016 के दिन से ही जोगी से संबंधित खबरों को सबसे ज्यादा पढ़ा जा रहा है तथा उन्हें ही सबसे ज्यादा ‘हिट’ मिल रही है.
यहां तक कि छत्तीसगढ़ ही नहीं भारत के अन्य हिस्सों से जोगी के समाचार पढ़े जा रहें हैं. जोगी से संबंधित समाचारों के कारण पिछले छः दिनों में जो जोगी पर समाचार दे रहें हैं उऩकी alexa रैंकिंग देश में ही 50 हजार पायदान ऊपर चली गई है. दरअसल, ऑनलाइन समाचार तथा वेबसाइटों की रैंकिंग यही ‘एलीक्सा’ तय करती है.
इसका हरगिज भी अर्थ यह नहीं है कि जोगी को भारी मत मिलने जा रहें हैं. यह इस बात का आकलन है कि जोगी को लोग पढ़ना चाहते हैं, उऩके बारें में जानना चाहते हैं, उऩके बारें में लोगों में उत्सुकता है ख़ासकर युवा वर्ग में जो ऑनलाइन का दीवाना है.
उल्लेखनीय है कि 16वीं लोकसभा के चुनाव के समय साल 2014 में भारत निर्वाचन आयोग के आकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 65.20 फीसदी युवा मतदाता थे.