छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में जोगी को नकारा नहीं जा सकता

रायपुर | समाचार डेस्क: भाजपा तथा कांग्रेस को इस बात का अहसास है कि छत्तीसगढ़ जोगी को यूं ही हवा में नहीं उड़ाया जा सकता. इसी कारण से दोनों दलों ने ‘जोगी इफैक्ट’ से निपटने की तैयारी कर ली है. मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस 10 जून को राज्य पार्टी की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक करने जा रही है. जिसमें पदाधिकारियों के अलावा सांसदों तथा विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है.

जाहिर है कि जोगी की कांग्रेस से ‘विदाई’ के बाद के परिदृश्य पर चर्चाकर आगे की रणनीति तय की जायेगी. जोगी के जाने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल तथा नेता प्रतिपक्ष ने अभी तक खुले तौर पर कोई टिप्पणी नहीं है.

उधर खबर है कि सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आदिवासी बहुल सरगुजा के अंबिकापुर में होने वाली है ताकि उसमें असंतुष्टों की राय जानी जा सके. राजधानी रायपुर में कार्यकारिणी की बैठक होने पर कई नेता उसमें नहीं पहुंच पाते हैं. यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा अगले दो माह के भीतर छत्तीसगढ़ के पांचों संभाग में बड़े आयोजन करने जा रही है. खबरों के अनुसार इन बड़े आयोजनों में असंतुष्टों की पहचान की जा सके. जाहिर है कि भाजपा संगठन की सारी कवायद अपने वोटरों को बांधे रखना है.

बेशक, जोगी बेताज बादशाह नहीं है. साल 2014 के आम चुनाव में वे महासमुंद सीट से लोकसभा का चुनाव भाजपा के चंदूलाल साहू से 1217 मतों से हार गये थे. तब ‘दस’ चंदूलाल साहू मिलकर भी अजीत जोगी को नहीं जीता सके थे. कांग्रेस ने 2013 के छत्तीसगढ़ विदानसभा चुनाव के समय अजीत जोगी को चुनाव लड़ने नहीं दिया था. उसके पहले के साल 2008 में हुये विधानसभा चुनाव के आकड़ें एक अलग कहानी कहते हैं.

साल 2008 में राज्य के सभी 90 विधायकों में अजीत जोगी अकेले ऐसे विधायक थे, जिनको सबसे अधिक वोट मिले थे. 2008 के विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी 34.87 प्रतिशत तथा 42,092 मतो के अंतर से विजयी घोषित हुये थे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वि भाजपा के ध्यानसिंह पोर्ते को हराया था.

अजीत जोगी इकलौते विधायक थे जिन्होंने 30 प्रतिशत से ज्यादा मतों से अपने विरोधी को पछाड़ा था. किसी अन्य विधायक ने इतने अंतर से अपने विरोधी को मात नही दी थी. यहां तक कि स्वयं राज्य मुख्यमंत्री रमनसिंह भी इतने ज्यादा अंतर से नही जीत सके थे.

गौरतलब है कि 2013 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी की सीट से उनके बेटे अमित जोगी को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया था. 2013 में हुए विधानसभा के चुनाव में सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस के अमित जोगी के नाम था. 2013 के विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के अमित जोगी ने मरवाही सीट से भाजपा की समीरा पैंकरा को शिकस्त देते हुए 82 हजार 909 वोट हासिल किये थे. अमित जोगी ने यह चुनाव 46 हजार 250 वोटों से जीता था.

खरसिया से कांग्रेस उम्मीदवार उमेश पटेल ने भाजपा के प्रत्याशी जवाहर नायक को 38 हजार 888 मतों से पराजित किया था.

तीसरे स्थान पर मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने राजनांदगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस की अलका मुदलियार को 36 हजार 48 वोटों से हराया था.

error: Content is protected !!