छत्तीसगढ़ ने 9 महीने में विज्ञापनों पर खर्च किए 524 करोड़
रायपुर | संवाददाता: भूपेश बघेल की सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल में, अपना चेहरा चमकाने के लिए, विज्ञापनों पर भारी-भरकम रकम खर्च की. अकेले 2023-24 में 31 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ सरकार ने विज्ञापनों पर 524 करोड़ रुपये से अधिक की रक़म खर्च कर दी.
राज्य में 9 अक्टूबर 2023 से विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लगी थी. ऐसे में भूपेश बघेल की सरकार ने एक अप्रैल 2023 से 9 अक्टूबर 2023 यानी लगभग 191 दिन में ही अरबों रुपये खर्च कर डाले.
अपने कार्यकाल के अंतिम साल के 6 महीने 8 दिन का विज्ञापन खर्च हैरान कर देने वाला है.
पिछले पांच साल की बात करें तो छत्तीसगढ़ सरकार ने विज्ञापनों पर 1163 करोड़ 21 लाख 61 हजार 413 रुपये खर्च किए हैं.
राज्य के जनसंपर्क विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिसंबर 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी की सरकार ने 1 जनवरी 2019 से 31 मार्च 2019 तक के तीन महीनों में विज्ञापनों पर कुल 16 करोड़ 26 लाख 30 हजार 959 रुपये खर्च किए.
लेकिन अगले साल यानी 2019-20 में यह आंकड़ा बढ़ कर 88 करोड़ 75 लाख 13 हजार 203 रुपये हो गया.
2020-21 में छत्तीसगढ़ सरकार ने 113 करोड़ 15 लाख 24 हजार 740 रुपये खर्च किए.
2021-22 में इस रकम में लगभग 18 करोड़ का इजाफा हुआ और विज्ञापनों पर होने वाला खर्च बढ़ कर 131 करोड़ 91 लाख 23 हज़ार 815 पहुंच गया.
अगले साल यानी 2022-23 में पिछले साल की तुलना में विज्ञापन का खर्च दोगुने से अधिक हो गया. इस साल छत्तीसगढ़ सरकार ने 289 करोड़ 13 लाख 37 हजार 190 रुपये खर्च कर डाले.
2023-24 में, 1 अप्रैल 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक छत्तीसगढ़ सरकार ने विज्ञापनों पर 524 करोड़ 31 हजार 506 रुपये खर्च कर डाले.
सोशल मीडिया पर अरबों रुपये
भूपेश बघेल की सरकार ने शुरुआती तीन महीने यानी 1 जनवरी 2019 से 31 मार्च 2019 तक सोशल मीडिया पर विज्ञापन देने में 1 करोड़ 21 लाख 4 हजार रुपये की रकम खर्च की.
लेकिन अंतिम साल में 1 अप्रैल 2023 से 31 दिसंबर तक, छत्तीसगढ़ सरकार ने अपना चेहरा चमकाने के लिए सोशल मीडिया के विज्ञापनों पर 67 करोड़ 69 लाख 43 हजार 430 रुपये खर्च किए.
2019-20 में सोशल मीडिया पर भूपेश बघेल सरकार ने 3 करोड़ 90 लाख 55 हज़ार 235 रुपये खर्च किए.
इसी तरह 2020-21 में 6 करोड़ 98 लाख 89 हजार 122 रुपये सोशल मीडिया के विज्ञापनों पर खर्च किए गए.
2021-22 में भूपेश बघेल के सोशल मीडिया का प्रचार का दायरा बढ़ा और विज्ञापन की यह रकम 8 करोड़ 41 लाख 68 हजार 388 रुपये हो गया.
2022-23 में सोशल मीडिया का विज्ञापन खर्च पिछले साल की तुलना में तीन गुणा हो कर 23 करोड़ 2 लाख 84 हजार 124 हो गया.
2023-24 में 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2023 तक सोशल मीडिया में विज्ञापनों का खर्च सारे रिकार्ड तोड़ गया. इस साल सरकार ने सोशल मीडिया पर 67 करोड़ 69 लाख 43 हजार 430 रुपये खर्च किए.
अखबार और पत्र पत्रिकाओं को नौ महीने में 160 करोड़
1 जनवरी से 31 मार्च 2019 तक तक तीन महीनों में भूपेश बघेल सरकार ने 7 करोड़ 91 लाख 99 हजार 548 रुपये खर्च किए.
अगले साल यानी 2019-20 में यह रकम 30 करोड़ 28 लाख 85 हजार 634 रुपये तक जा पहुंची.
2020-21 में भूपेश बघेल की सरकार ने 45 करोड़ 81 लाख 66 हज़ार 351 रुपये खर्च किए.
2021-22 में अखबारों और पत्र पत्रिकाओं को सरकार ने 49 करोड़ 30 लाख 94 हज़ार 175 रुपये के विज्ञापन दिए.
2022-23 में पिछले साल की तुलना में खर्च की रकम दोगुनी के आसपास पहुंच गई. इस साल सरकार ने प्रिंट मीडिया को 74 करोड़ 15 लाख 95 हजार603 रुपये विज्ञापन के लिए दिए.
2023-24 में 31 दिसंबर 2023 तक सरकार ने इस मद में 123 करोड़ 43 लाख 11 हजार 112 रुपये खर्च किए.
इलेक्ट्रानिक मीडिया को नौ महीने में 160 करोड़
भूपेश बघेल सरकार ने 2019 के शुरुआती तीन महीनों में इलेक्ट्रानिक मीडिया में अपना चेहरा चमकाने के लिए केवल 5 करोड़ 40 लाख 58 हजार 218 रुपये खर्च किए.
अगले साल यह रकम 37 करोड़ 82 लाख 38 हजार 788 रुपये रही.
2020-21 में सरकार ने 43 करोड़ 3 लाख 77 हजार 839 रुपये इस मद में खर्च किए.
2021-22 में यह रकम थोड़ी बढ़ कर 43 करोड़ 19 लाख 40 हजार 527 रुपये हुई.
अगले साल यानी 2022-23 में भूपेश बघेल की सरकार ने इलेक्ट्रानिक मीडिया के विज्ञापनों पर 76 करोड़ 11 लाख 6 हजार 192 रुपये खर्च किए.
2023 में 1 अप्रेल से 31 दिसंबर 2023 तक राज्य सरकार का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापनों का खर्च 160 करोड़ 71 लाख 70 हजार 466 हो गया.
सबसे अधिक खर्च क्षेत्र प्रचार पर
राज्य सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 2019 के शुरुआती तीन महीनों में सरकार ने क्षेत्र प्रचार पर करोड़ 72 लाख 69 हजार 193 रुपये खर्च किए.
2019-20 में यह रकम 16 करोड़ 73 लाख 33 हज़ार 546 रुपये और 2020-21 में 17 करोड़ 30 लाख 91 हजार 428 रही.
2021-22 में क्षेत्र प्रचार के नाम पर भूपेश बघेल की सरकार ने 30 करोड़ 99 लाख 20 हजार 725 रुपये खर्च किए.
2022-23 में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से कहीं अधिक केवल क्षेत्र प्रचार पर 115 करोड़ 83 लाख 51 हजार 271 रुपये खर्च किए गए.
2023 में 1 अप्रैल से 31 दिसंबर तक क्षेत्र प्रचार के मद में छत्तीसगढ़ सरकार ने 171 करोड़ 16 लाख 6 हजार 498 रुपये खर्च किए गए.