छत्तीसगढ़

प्रशासन बेलगाम घोड़ा: ननकी राम

कोरबा | अब्दुल असलम: छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने प्रशासन को बेलगाम घोड़े के समान निरंकुश कहा है. कोरबा में किसान के आत्महत्या के मामले में लम्बे समय से चुप्पी साधे प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कँवर ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है और प्रशासन पर जमकर हमला बोला है. ननकी राम ने कहा की किसान को मुआवजा मिलने में देरी हुई और शायद इसी कारण हताश होकर किसान ने ख़ुदकुशी की. इतना ही नहीं ननकी राम ने यह भी कहा की शासन का प्रशासन पर नियंत्रण नहीं है. इसके साथ ही ननकी ने सभी किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की बात कही है.

दरअसल, कोरबा के बुंदेली में हुए किसान जागेश्वर कँवर के आत्महत्या मामले में कांग्रेसियों ने सरकार और प्रशासन पर जमकर हमला बोला था. अब भाजपा नेता और प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कँवर ने अपने ही अंदाज में सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रशासन पर नियंत्रण नहीं है और इसी कारण शासन की दुर्गति होती है.

इसके लिए उन्होंने घोड़े और लगाम की कहवात भी कह डाली है. ननकी राम कंवर ने कांग्रेस में चरण दास महंत और अमित जोगी के बीच चल रहे जुबानी जंग पर भी चुटकी ली और कहा की इससे भाजपा को लाभ जरूर मिलेगा.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के कोरबा में मुआवजा नहीं मिलने से दुखी किसान ने आत्महत्या कर ली थी. कोरबा के बुंदेली गांव के 37 साल के जागेश्वर सिंह नामक किसान पर ढाई लाख रुपये का कर्ज था और वह उसे चुका नहीं पा रहा था.

जागेश्वर के परिजनों का कहना है कि जागेश्वर ने पिछले साल 9 एकड़ ज़मीन पर धान की फसल लगाई थी. धान लगाने और खाद के लिये उसने ढाई लाख रुपये का कर्जा लिया था. लेकिन जंगली हाथियों ने नंवबर में तैयार फसल कुचल दी थी. रही सही फसल बाद में फिर से हाथियों ने रौंद दी थी.

गौरतलब है कि इसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के हस्तक्षेप के कारण कोरबा के डीएफओ जे.आर. नायक और एसडीओ वन आर.के. दुबे को तत्काल प्रभाव से राजधानी रायपुर स्थित प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय में संलग्न कर दिया गया. इसी के साथ कठोर कदम उठाते हुए मामले में कोरबा के रेंजर सी.आर. नेताम को विरूद्ध को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.

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