छत्तीसगढ़ विशेष

छत्तीसगढ़ : खदान से लेकर बिजलीघर तक अडानी का साम्राज्य

रायपुर | संवाददाता: पिछले महीने तक दुनिया के तीसरे सबसे अमीर कारोबारी रहे गौतम अदानी का साम्राज्य, पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में तेज़ी से फैला है. भारत में संभवतः छत्तीसगढ़ अकेला राज्य है, जहां अदानी के पास कोयला खदान से लेकर आयरन ओर और पावर प्लांट से लेकर सीमेंट प्लांट तक का कारोबार है.

अमरीकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आने के बाद से अदानी समूह को लेकर देश भर में चर्चा जारी है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि मैं दो तीन साल से ये मुद्दा उठा रहा हूं और मैं चाहता हूं कि इस पर चर्चा हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. जो लाखों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ, जो हिंदुस्तान का इंफ्रास्ट्रक्चर कैप्चर किया गया है. उसके बारे में चर्चा हो और अदानी जी के पीछे कौन सी शक्ति है वो भी देश को पता चल जाए.

लेकिन यह भी दिलचस्प है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार के कार्यकाल में अडानी समूह का विस्तार पिछले चार सालों में तेज़ी से हुआ है.

कोयला खदान

छत्तीसगढ़ में एमडीओ यानी माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर के तौर पर अडानी के पास कई कोयला खदान हैं.

देश भर में अडानी समूह को 9 कोयला खदान एमडीओ के तहत दिए गये हैं, जिसमें से 7 कोयला खदान छत्तीसगढ़ में हैं.

ये कोयला खदान हैं-
1. परसा इस्ट केते बासन (27.11 वर्ग किलोमीटर)

2. परसा (12.52 वर्ग किलोमीटर)

3. केते एक्सटेंशन (17.59 वर्ग किलोमीटर)

4. गिधमुड़ी-पतुरिया (7.52 वर्ग किलोमीटर)

5. गारे-पेलमा-1 (35.84 वर्ग किलोमीटर)

6. गारे-पेलमा-2 (25.83 वर्ग किलोमीटर)

7. गारे-पेलमा-3 (6.3 वर्ग किलोमीटर)

हसदेव अरण्य में अडानी को एमडीओ के तहत सौंपे गए कोयला खदानों का आदिवासी पिछले कई सालों से विरोध कर रहे हैं.

राहुल गांधी ने भी छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले हसदेव अरण्य में पहुंच कर आदिवासियों के साथ का भरोसा दिया था.

लेकिन चुनाव के बाद हसदेव में कांग्रेस सरकार ने ही नये कोयला खदानों को मंजूरी दे दी.

लौह अयस्क खदान

बस्तर के बैलाडिला में एमडीओ के तहत लौह अयस्क यानी आयरन ओर की 6.42 वर्ग किलोमीटर की खदान अडानी समूह को दी गई है.

इस खदान का भी आदिवासी व्यापक विरोध करते रहे हैं. उनका कहना है कि इस खदान के लिए ज़रुरी ग्राम सभा की कार्रवाई हुई ही नहीं है और इसके लिए फर्जी कागज का उपयोग किया गया है.

सरकार ने इसकी जांच कराई और माना कि इस खदान की स्वीकृति के लिए फर्जीवाड़ा किया गया है. सरकार ने आदिवासियों के आरोप को सही माना.

पावर प्लांट

देश भर में अडानी समूह के आठ पावर प्लांट चालू हालत में हैं. ये 8 पावर प्लांट 6 राज्यों में फैले हुए हैं.

इन 6 राज्यों में से गुजरात और छत्तीसगढ़ ही ऐसे राज्य हैं, जहां अडानी समूह के पास 2-2 पावर प्लांट हैं.

छत्तीसगढ़ में अडानी समूह के पास रायगढ़ और रायपुर में पावर प्लांट हैं, जो चालू हालत में हैं.

इसके अलावा अडानी समूह ने पिछले साल छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा ज़िले के डीबी पावर प्लांट के भी अधिग्रहण की घोषणा की है.

साथ ही कोरबा ज़िले के लैंको अमरकंटक पावर प्लांट के अधिग्रहण लिए भी अडानी और अंबानी के बीच का मुकाबला चर्चा में रहा है.

सीमेंट प्लांट

पिछले साल सितंबर में अडानी समूह ने घोषणा की थी कि वह सीमेंट बनाने की अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है और अगले पांच सालों में यह क्षमता 14 करोड़ टन तक पहुंचाने की योजना है.

अडानी समूह की इस योजना में छत्तीसगढ़ की भी बड़ी भूमिका है.

छत्तीसगढ़ में एसीसी और अंबुजा सीमेंट कंपनियां प्रतिष्ठित रही हैं.

अब इन दो बड़ी सीमेंट कंपनियों एसीसी और अंबुजा में अडानी समूह की क्रमशः 56.69 फीसदी और 63.15 फीसदी की हिस्सेदारी है.

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