अंतर्राज्यीय कारोबारियों का पंजीयन अनिवार्य
रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के वे व्यापारी जो अंतर्राज्यीय कारोबार करने वाले हैं, उन्हें अब वाणिज्यिक कर विभाग में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा. केंद्रीय विक्रयकर अधिनियम के तहत कर के दायित्य से तीस दिन के भीतर पंजीयन प्राप्त करना जरूरी है. केंद्रीय अधिनियम के अधीन कर चुकाने का दायित्व होने के बाद भी व्यापारियों द्वारा न तो देय कर की राशि का भुगतान किया जा रहा है और न ही तिमाही विवरण पत्र प्रस्तुत किया जा रहा है. ऐसे मामले में पंजीयन प्राप्त न करने को व्यापारी का जानबूझकर किया गया कृत्य मानकर वेट अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
वाणिज्यिक कर आयुक्त आरएस विश्वकर्मा ने इस संबंध में विभाग के सभी उपायुक्त, सहायक आयुक्त, वाणिज्यिक कर अधिकारियों को परिपत्र भेजकर कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा है.
परिपत्र के मुताबिक, ऐसे व्यापारी जिनके द्वारा धारा 7 (2) के अधीन पंजीयन कराया गया है, लेकिन अंतर्राज्यीय विक्रय किए जाने के बाद भी समय-सीमा में धारा 7 (1) के अधीन पंजीयन नहीं कराया है. ऐसे व्यापारी द्वारा पंजीयन में परिवर्तन के लिए आवेदन दिए जाने पर विभागीय अधिकारी आवेदन दिनांक से पंजीयन में प्रभावशीलता प्रदान कर प्रथम अंतर्राज्यीय विक्रय की तारीख से कर दायित्व निर्धारित करते हैं. इसे वाणिज्यिक कर विभाग ने उचित नहीं माना है.
एक प्रकरण में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार, ऐसे व्यापारी को केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन कराना अनिवार्य है. पंजीयन नहीं कराए जाने पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
वाणिज्यिक कर अधिकारियों से कहा गया है कि वे ऐसे प्रकरणों में यह देखें कि क्या व्यापारियों द्वारा अंतर्राज्यीय विक्रय के बाद ऐसे विक्रय पर देय कर भुगतान सहित विवरण पत्र प्रस्तुत किया जा रहा है? तथा ऐसे व्यापारियों का केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम के अंतर्गत कर निर्धारण किया जा रहा है? ऐसी स्थिति में व्यापारी द्वारा पंजीयन में परिवर्तन न कराए जाने को एक तकनीकी भूल मानकर जुर्माना लगाया जाए और प्रथम अंतर्राज्यीय विक्रय के दिनांक से पंजीयन की वैधता दी जाए.