कांकेर के 77.69% बच्चे 29 महीनों में कुपोषण मुक्त
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार ने कांकेर ज़िले में 77.69 प्रतिशत बच्चों के कुपोषण मुक्त होने का दावा किया है.सरकार का दावा है कि पिछले 29 महीनों में आदिवासी बहुल कांकेर ज़िले में 9,038 में से 7,022 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गये हैं.
राज्य सरकार के इस दावे को देश भर में एक बड़े रिकॉर्ड के तौर पर देखा जा रहा है.
हालांकि राज्य के बेमेतरा ज़िले में यह उपलब्धि महज 2.84 प्रतिशत है. इस ज़िले में 12,429 में से केवल 354 बच्चे ही कुपोषण से मुक्त हो पाए हैं.
दो ज़िलों के बीच बच्चों की कुपोषण मुक्ति के यह ज़मीन-आसमान के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं.
माना जा रहा है कि राज्य सरकार कांकेर ज़िले में मिली उपलब्धि को आधार बना कर, उसी तर्ज पर राज्य के दूसरे हिस्सों में भी अभियान चला सकती है.
राज्य सरकार ने पिछले 29 महीनों में राज्य के 1,40,556 बच्चों के कुपोषण मुक्त होने का दावा किया है. राज्य सरकार का कहना है कि जनवरी 2019 से मई 2021 के बीच कुपोषित बच्चों की संख्या में 32 प्रतिशत की कमी आई है.
सरकारी दावा है कि प्रदेश में जनवरी 2019 की स्थिति में चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32 प्रतिशत अर्थात एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए है.
सरकार का दावा है कि बालोद जिले में जनवरी 2019 की स्थिति में 12 हजार 481 बच्चे चिन्हाकिंत किए गए थे, इनमें 1402 (11.23%) बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए है. इसी प्रकार बलौदाबाजार में 30 हजार 917 में से 6032 बच्चे (19.51%), बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 27 हजार 352 में से 14 हजार 106 बच्चे (51.57%), बस्तर में 15 हजार 753 में 3633 बच्चे (23.06%) , बेमेतरा में 12 हजार 429 में से 354 बच्चे (2.84%), बीजापुर में 12 हजार 429 बच्चों में से 3993 बच्चे, बिलासपुर में 29 हजार 354 में से 8492 बच्चे, दंतेवाड़ा में 8115 में से 2168 बच्चे, धमतरी में 7144 में से 605 बच्चे (8.46%), दुर्ग में 12 हजार 810 में से 6983 बच्चे, गरियाबंद में 11 हजार 658 में से 5173 बच्चे और जांजगीर-चांपा जिले में चिन्हांकित 17 हजार 869 कुपोषित बच्चों में से 8463 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए.
छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि जशपुर जिले में 15 हजार 341 बच्चों में से 5784 बच्चे, कांकेर में 9038 में से 7022 बच्चे (77.69%), कबीरधाम में 13 हजार 146 में 3011 बच्चे, कोण्डागांव में 14 हजार 47 में से 1447 बच्चे, कोरबा में 17 हजार 965 में से 2473 बच्चे (13.76%), कोरिया में 7850 में से 2696 बच्चे, महासमुंद में 19 हजार 153 में से 1473 बच्चे (7.69%), मुंगेली में 10 हजार 242 में से 648 बच्चे (6.32%), नारायणपुर में 3626 में से 1622 बच्चे (44.60%), रायगढ़ में 24 हजार 41 में से 16 हजार 358 बच्चे, रायपुर में 25 हजार 456 में से 8323 बच्चे, राजनांदगांव में 28 हजार 386 में से 10 हजार 97 बच्चे, सरगुजा में 19 हजार 273 में से 7009 बच्चे, सुकमा में 6486 में से 3332 बच्चे (51.37%) और सूरजपुर जिले में चिन्हांकित 23 हजार 716 कुपोषित बच्चों में से 7857 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए.