छत्तीसगढ़ : शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नहीं देने का फ़ैसला
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में नौकरियों में आरक्षण की उम्मीद लगाए युवाओं को निराशा ही हाथ लग रही है. राज्य सरकार ने आदिवासी बहुल जशपुर में शिक्षा विभाग के कई महत्वपूर्ण पदों पर भर्ती में अधिकांश में आरक्षण का लाभ नहीं देने का फैसला किया गया है.
राज्य सरकार ने व्याख्याता, प्रधानपाठक और शिक्षक आदि के 182 पदों में से किसी में भी आरक्षण का लाभ नहीं देने का निर्णय लिया है.
हालांकि भृत्य और सहायक ग्रेड में ज़रुर आरक्षण का लाभ देने का निर्देश दिया गया है.
यह सब तब है, जब राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय के लिए प्रशंसा होती है और उन्हें सम्मानित किया जाता है.
जशपुर के कलेक्टर के 14 जून 2021 के पत्र क्रमांक 638 के अनुसार ज़िले के मनोरा, दुलदुला, कुनकुरी, बगीचा, फरसाबहार, कांसाबेल और पत्थलगांव में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में संविदा पर शिक्षक संवर्ग एवं अन्य पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी है.
व्याख्याता के 63 पद विज्ञापित किए गये हैं. लेकिन इनमें से एक भी पद भी अजा, अजजा या अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया गया है. इसी तरह पूर्व माध्यमिक शाला के 42 पदों में से एक भी पद में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है.
प्राथमिक शाला के 35 पदों में से सभी के सभी अनारक्षित हैं.
प्रधान पाठक के 14 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया है लेकिन इनमें से सभी पद अनारक्षित हैं.
कंप्यूटर और व्यायाम के 14 पदों में से किसी भी पद में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है.
ग्रंथपाल और सहायक ग्रेड 2 के सभी 14 पद अनारक्षित हैं. यहां तक कि चौकीदार के भी 7 पदों में से किसी में भी आरक्षण का लाभ नहीं देने का निर्णय लिया गया है.
दिलचस्प ये है कि भृत्य के 28 में से 21 पद आरक्षित हैं. इसी तरह सहायक ग्रेड-3 के 14 में से 7 पद आरक्षित किए गये हैं. प्रयोगशाला सहायक के 21 में से 14 पद आरक्षित किए गये हैं.
सरकार ने इनमें से एक भी पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं किया है.