Ease Of Doing Biz में भारत पिछड़ा
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: तमाम दावों के बाद भी भारत में व्यापार करना आसान नहीं है. विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट तो यही कहती है. विश्व बैंक द्वारा जारी सूची में भारत एक साल में मात्र एक पायदान उपर चढ़ा है. जबकि इस सूची में ब्रूनेई दारुसलाम, कज़ाकिस्तान, कीनिया, बेलारूस, इंडोनीशिया, सर्बिया, जॉर्जिया, पाकिस्तान, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात में सुधार हुआ है तथा उनकी स्थिति बेहतर हुई है. विश्व बैंक की इस ताजा रिपोर्ट के बाद सरकार ने निराशा जताई है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने एक ट्वीट में कहा, “हम इस साल अपनी रैंक से निराश हैं. हमारे बहुत से सुधार कार्यक्रम विश्व बैंक की समय सीमा के बाद लिए गए. उम्मीद है कि हमारे कदम अगले साल हमारी मदद करेंगे.”
Disappointed at our rank this year. Many of our reformatory steps were after WB deadline. Hopefully, with other steps, will help next yr. https://t.co/uE8kG3JYW0
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) 25 अक्तूबर 2016
इस रिपोर्ट के आने बाद उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि सुधार जारी रहेंगे.
Can understand the feeling. We are disappointed at the ranking.Reforms shall continue, if anything with greater vigor. https://t.co/Z8GlGq5hEe
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) 25 अक्तूबर 2016
विश्व बैंक द्वारा जारी इस रिपोर्ट में भारत 131वें पायदान से 130वें पायदान पर ही चढ़ा है. जबकि भारत सरकार की कोशिश है कि पहले 50 देशों की सूची में उसका नाम हो.
इस सूची में न्यूज़ीलैंड पहले स्थान पर है जबकि सिंगापुर दूसरे. डेनमार्क, हॉंगकांग, दक्षिण कोरिया, नॉर्वे, ब्रिटेन, अमरीका, स्वीडन भी सूची में ऊपर हैं. इस सूची में पाकिस्तान 144वें स्थान पर है.
विश्व बैंक की ताज़ा रिपोर्ट पर आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में व्यापार करने के आसान बनाने के लिए कई कदम लिये जा रहे हैं और उम्मीद है कि अगले साल हमारी स्थिति में बेहतरी आयेगी.
उधर प्रतिक्रिया में ट्विटर पर मुंबई से प्रशांत नवाद्गी ने लिखा, अगर मोदी सरकार को सूची में भारत की रैंकिंग को बेहतर करना है तो कृपया बीफ़, तीन बार तलाक़, गौरक्षक राजनीति जैसे मामलों से बाहर आ जाइये.
Modi Govt pls come out of Beef, Triple Talaq, Ram Mandir, Gau Rakshak politics, if India’s #Easeofdoingbusiness ranking needs to improve.
— Prashant Navadgi (@pnavadgi) 26 अक्तूबर 2016