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फर्जी डाक्टरेट नहीं लेंगे चंपू

रायपुर | विशेष संवाददाता: ‘छत्तीसगढ़ खबर’ की खबर के बाद मंत्री चंद्रशेखर साहु फर्जी डॉक्टरेट की उपाधि नहीं ग्रहण करेंगे. छत्तीसगढ़ खबर में रविवार को इस पूरे मामले की हकीकत सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ के कृषि एवं श्रम मंत्री चंद्रशेखर साहु ने यह उपाधि नहीं लेने का फैसला किया है. उन्होंने सोमवार को अपनी बंगलुरु की यात्रा भी रद्द कर दी है.

गौरतलब है कि चंद्रशेखर साहु बेंगलुरू की न्यू इंटरनेशनल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान की जा रही डॉक्टर ऑफ सोशियल वर्क्स की मानद उपाधि ग्रहण करने 8 अप्रेल को बेंगलुरू जाने वाले थे. लेकिन रविवार को इस मामले में ‘छत्तीसगढ़ खबर’ की तहकीकात में कथित विश्वविद्यालय की हकीकत सामने आने के बाद चंद्रशेखर साहु ने इस उपाधि को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है.

‘छत्तीसगढ़ खबर’ ने चंद्रशेखर साहु को दिये जाने वाले मानद डाक्टरेट की उपाधि को लेकर यह तथ्य सामने लाया था कि चंद्रशेखर साहु को बेंगालुरु की जिस न्यू इंटरनेशनल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट ऑफ सोशल वर्क्स की मानद उपाधि दिया जाने वाला है, वह असल में एक एनजीओ है. हालांकि ‘छत्तीसगढ़ खबर’ से बातचीत में इस एनजीओ ने भी इस बात से पल्ला झाड़ लिया था कि वह चंद्रशेखर साहु को कोई डॉक्टरेट की मानध उपाधि दे रहा है. न्यू इंटरनेशनल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी के निदेशक आर के सैमुअल ने ‘छत्तीसगढ़ खबर’ से बातचीत में स्वीकार किया कि चंद्रशेखर साहु को उनकी संस्था नहीं, एकेडमी ऑफ युनिवर्सल ग्लोबल पीस मानद उपाधि देगी और एकेडमी ऑफ युनिवर्सल ग्लोबल पीस नामक संस्था की हकीकत ये है कि यह संस्था भारत के किसी भी अकादमिक संस्था या यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं है. मूलतः इसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाली यह संस्था ऑनलाइन ही डॉक्टरेड की मानद उपाधि बांटती है.

इस खबर के सामने आने के बाद चंद्रशेखर साहु ने अपनी बंगलुरु यात्रा रद्द कर दी है. उन्होंने कहा कि वे कृषि और समाज विकास के लिये जो कुछ कर रहे हैं, उसमें जनता का सम्मान मेरे लिये सबसे बड़ा सम्मान है. साहु ने कहा कि वे एक किसान के बेटे हैं और निस्वार्थ भाव से कृषि के लिये काम कर रहे हैं और यह आजीवन चलता रहेगा.

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