UAPA में 121 आदिवासी 5 साल बाद रिहा
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में माओवादी बता कर UAPA में जेल भेजे गए 121 आदिवासियों को एनआईए की कोर्ट ने बरी कर दिया है. इन आदिवासियों को लगभग पांच साल तक जेल में रहने के बाद आज जेल से रिहा करने की प्रक्रिया शुरु की गई.
24 अप्रैल 2017 को दोपहर संदिग्ध माओवादियों के हमले में सीआरपीएफ की 74वीं वाहिनी और ज़िला पुलिस बल के 25 जवान मारे गये थे. इस हमले में 7 जवान गंभीर रुप से घायल हुए थे.
इसके बाद पुलिस ने बुरकापाल और आसपास के गांवों के 121 आदिवासियों को इस मामले में शामिल होना बता कर जेल भेज दिया था.
इन आदिवासियों के खिलाफ धारा 147, 148, 302/149, 307/149, 397/149, 120 (ख), धारा 25(1) (1-ख) (क), 27 आयुध अधिनियम 1959, धारा 3, 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908, धारा 38 (2), 39 (2) विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 एवं धारा 8(1)(3) (5), छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
लगभग पांच साल तक इन आदिवासियों को जेल में रहना पड़ा. आदिवासियों को जमानत भी नहीं दी गई.
अब शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश एनआईए एक्ट, दंतेवाड़ा ने इन आदिवासियों को निर्दोष बताते हुए रिहा करने के आदेश जारी किए.