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अरुणाचल में संविधान की हत्या: AAP

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लगाने को ‘आप’ ने ‘गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संविधान की हत्या’ कहा है. आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “संविधान किसी भी राज्य में निर्वाचित सरकार को निलंबित कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति नहीं देता. यह संविधान के खिलाफ है.”

केजरीवाल ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुशंसा को ‘गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संविधान की हत्या’ करार दिया.

गणतंत्र दिवस के तहत दिल्ली सरकार की ओर से आयोजित एक समारोह में केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के कामकाज में केंद्र से सहयोग की अपील की.

मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार एक बड़े भाई के समान है, जबकि राज्य सरकार छोटे भाई की तरह है. बड़े भाई (केंद्र सरकार) को अपने छोटे भाई (राज्य सरकार) को मुसीबत में नहीं डालना चाहिए.”

केजरीवाल ने आगे कहा, “हमें पूर्ण रूप से विकास और कामकाज के लिए केंद्र सरकार के सहयोग की जरूरत है. उनके सहयोग से विकास 10 गुना हो जाएगा.”

केंद्र सरकार से मदद की अपील करते हुए केजरीवाल ने कहा, “सीबीआई के छापों और राष्ट्रपति शासन का इस्तेमाल करने की बजाय केंद्र को हमें समर्थन देना चाहिए.”

केजरीवाल ने कहा कि संविधान न्याय, स्वतंत्रता और समानता के बारे में बात करता है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इसके समुचित क्रियान्वयन में कई खामियां हैं.

हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के बारे में केजरीवाल ने कहा, “एक केंद्रीय मंत्री ने विश्वविद्यालय प्रशासन को फोन कर रोहित और उसके मित्रों को निलंबित करने के लिए दबाव डाला.”

मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्रीय मंत्री द्वारा डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के पथ का अनुसरण करने वाले छात्रों को राष्ट्र-विरोधी घोषित करना गलत है.”

केजरीवाल ने कहा, “दलित छात्र को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बजाय उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए था.”

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