छत्तीसगढ़

जहरीले दवा पर धारा 420!

रायपुर | विशेष संवाददाता: कानूनन नकली दवा के उत्पादक को आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिये. देश के कानून ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के 2008 के संशोधन के मुताबिक नकली दवा बनाने वाले को आजीवन कारावास की सजा दी जायेगी. उससे पहले सरकार के द्वारा बनाई गई माशलेकर समिति ने 2003 में अपनी अनुशंसा में कहा था कि नकली दवा बनाने वाले को सजा ए मौत देनी चाहिये.

दिल्ली में रहने वाले दवा तथा स्वास्थ्य मामलों के विशेषज्ञ अमिताभ गुहा ने फोन पर सीजीखबर को बताया कि ” वर्तमान में नकली दवा बनाने की सजा आजीवन कारावास की है.”

हैरत की बात है कि छत्तीसगढ़ में नसबंदी कांड में रायपुर के जिस महावर फार्मा ने सिप्रोसीन 500 सप्लाई की थी उसके मालिक रमेश महावर और सुमीत महावर को धारा 420 के तहत शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है. छत्तीसगढ़ के बीबीसी के संवाददाता आलोक प्रकाश पुतुल से जब इस बात की जानकारी चाही गई कि रायपुर में महावर फार्मा के मालिकों को किस धारा के तहत गिरप्तार किया गया है तो उन्हेंने कहा, ” रायपुर में महावर फार्मा के मालिकों की गिरफ्तारी धारा 420 के तहत की गई है.”

बीबीसी के संवाददाता को रायपुर के आईजी जीपी सिंह ने बताया, ”महावर फार्मा के रायपुर स्थित खमारडी की फ़ैक्ट्री में छापा मारा गया था. उसके बाद रमेश महावर और सुमीत महावर को गिरफ्तार किया गया. ये दोनों पिता-पुत्र हैं.”

शुक्रवार रात को खबरिया चैनल ‘इंडिया न्यूज’ पर चल रहे लाइव कार्यक्रम में बिलासपुर आईएमए के डॉ. विनोद तिवारी ने कहा कि “हमने अपने तौर पर नसबंदी शिविरों में बांटी गई दवा सिप्रोसीन 500 की लैब में जांच कराई है. जिसमें पाया गया है कि सिप्रोसीन 500 के टेबलेट में चूहे मारने की दवा जिंक सल्फेट मिला हुआ है.”

जाहिर है कि बिलासपुर आईएमए के द्वारा करवाई जांच अपने आप में गंभीर नतीजों की घोषणा करती है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार ने सिप्रोसीन 500 दवा को जब्त कर जांच के लिये सरकारी लैब में भेजने की बात कही है. सरकारी लैब के जांच रिपोर्ट के आने के बाद ही आधिकारिक तौर पर कहा जा सकता है कि दवा में जहर मिला है या नहीं.

बहरहाल, इस तथ्य से इंकार नहीं किया सकता कि नसबंदी करवाने तथा दवा खाने के बाद सरकारी आकड़ों के अनुसार 13 मौतें हो चुकी है. यह भी तथ्य है कि सरकारी सप्लाई वाली दवा सिप्रोसीन 500 एमजी खाने से सर्दी खांसी से पीड़ित छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में घुटकू गांव के पंडरीपारा निवासी 35 वर्शीय मदन लाल सूर्यवंशी की शुक्रवार को जान चली गई है. अभी भी पेंडारी तथा पेंड्रा में नसबंदी करवाने वाली महिलाएं गंभीर हालात में बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं.

बिलासपुर के नसबंदी कांड की गूंज विदेशों तक पहुंच चुकी है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस पर अपनी राय जाहिर की है. ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने इसे प्रमुखता से छापा है. ‘बीबीसी वर्ल्ड’, ‘फाक्स टीवी’ तथा ‘अल जजीरा’ जैसे दुनिया के ख्याति प्राप्त समाचारों ने अपनी टीम को मामले की जानकारी के लिये बिलासपुर भेजा तथा इसे अपने समाचारों में जगह दी.

इसके बावजूद, छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा रमेश महावर और सुमीत महावर को धारा 420 अर्थात् धोखागड़ी के आरोप में गिरफ्तार करना समझ से परे है.

वैसे, देश के वर्तमान कानून के अनुसार उन्हें ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट 2008 की धारा के अनुसार कार्यवाही करनी चाहिये.

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